कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,140 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 2,870 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,140 के स्तर पर बाधा के साथ 2,870 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है और कीमतें 3,650-3,760 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है और कीमतें 4,080-4,150 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है और कीमतें 4,050-4,120 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,600 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 3,510 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,570 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है और कीमतें 3,670-3,760 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है, लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफावसूली से इंकार नही किया जा सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,840 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 4,765 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। इसकी कीमतें 4,000-4,070 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से शुरआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखी गयी।
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एआई बबल (AI Bubble) – यानी कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई) पर केंद्रित शेयरों में बुलबुला – इस मुद्दे पर सारी दुनिया में बहस चल रही है और भारत में एआई की ज्यादा कहानियाँ नहीं होने के बाद भी भारत का इस मुद्दे से बहुत लेना-देना है।
संवत 2081 में पूरे साल बाजार थका रहा, पर बीतते-बीतते यह संवत एक नया जोश देते हुए जा रहा है। अभी हाल तक बाजार में सभी यह चर्चा कर रहे थे कि पिछली दीपावली से इस दीपावली तक तो बाजार में नुकसान ही है, या पैसे नहीं बने।