फारुख साहब! साजिश तो थी, पर किसकी? कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन का गुनाहगार कौन?
देखें वरिष्ठ पत्रकारों - प्रमोद जोशी और राजेंद्र तिवारी से राजीव रंजन झा की यह बातचीत।
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कश्मीरी पंडितों के पलायन में कश्मीरी अलगाववादियों के अलावा वहाँ की आम अवाम की क्या भूमिका रही, इस बारे में लेखक और मनोवैज्ञानिक डॉ. रजत मित्र ने एक उपन्यास लिखा है - द इनफिडेल नेक्स्ट डोर या एक काफिर मेरा पड़ोसी।
उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ने भरपूर मेहनत की।
देखें वरिष्ठ पत्रकारों - राजेश रपरिया और प्रमोद जोशी के साथ राजीव रंजन झा की यह बातचीत।
हाल में स्विटजरलैंड सेंट्रल बैंक के आँकड़ों से पता चला कि स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा पैसे वर्ष 2020 के अंत में 20,700 करोड़ रुपये हो गये, जो 2019 के अंक में 6,625 करोड़ रुपये थे।
आम तौर पर माना जाता है कि मुसलमान मतदाताओं की एकतरफा रणनीति भाजपा को हराने की होती है और इसके लिए वे वोट बैंक के रूप में थोक में किसी एक ही भाजपा-विरोधी दल को वोट देते हैं।