
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC) ने आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग्स के खुद के साथ विलय के प्रस्ताव को बोर्ड मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित विलय के तहत आईडीएफसी (IDFC) लिमिटेड के
शेयरधारकों को 100 शेयर के बदले आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 155 155 शेयर मिलेंगे।
स्कीम ऑफ अमलगमेशन के तहत प्रस्वावित विलय को अंजाम दिया जाएगा। वित्तीय क्षेत्र में एचडीएफसी (HDFC) और एचडीएफसी बैंक के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा विलय होगा। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बीच समझौते को लागू करने की मंजूरी दे दी है। हालाकि विलय को भारतीय रिजर्व बैंक, मार्केट रेगुलेटर सेबी, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई (CCI), नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और स्टॉक एक्सचेंज से मंजूरी मिलना बाकी है। इसके साथ ही दोनों कंपनियों के शेयरधारकों के अलावा दूसरे वैधानिक और रेगुलेटरी अथॉरिटीज से मंजूरी लेनी होगी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में आईडीएफसी लिमिटेड की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है। आईडीएफसी लिमिटेड ने यह हिस्सेदारी आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग्स के जरिए रखी है। आईडीएफसी लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक की है। मार्च अंत में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की कुल संपत्ति 2.4 लाख करोड़ रुपये थी वहीं करीब 27,194.51 करोड़ रुपये का टर्नओवर था। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 2437.13 करोड़ रुपये था। आईडीएफसी लिमिटेड की कुल संपत्ति 9,570.64 करोड़ रुपये थी वहीं टर्नओवर 2,076 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था।
(शेयर मंथन, 03 जुलाई,2023)
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