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आज बाजार में फिर कमजोर शुरुआत के आसार

राजीव रंजन झा : पिछले हफ्ते शेयर बाजार ने बड़े जोश से शुरुआत की, निफ्टी (Nifty) नये रिकॉर्ड स्तर 6415 तक चढ़ा, लेकिन उसके बाद पूरे हफ्ते लगातार फिसलता चला गया।
सोमवार को ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली के बावजूद एक अच्छी बढ़त मिल गयी थी, लेकिन इसके बाद बाजार हफ्ते के बाकी सारे दिन नीचे फिसलता रहा। दरअसल इसने पिछले सोमवार को सुबह-सुबह जो ऊपरी स्तर छुआ, वही हफ्ते का शिखर भी बन गया। हफ्ते के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी जहाँ बंद हुए, वे हफ्ते की तलहटी के एकदम करीब थे। इस तरह कहा जा सकता है कि हफ्ते की शुरुआत से लेकर हफ्ता पूरा होने तक बाजार केवल एक दिशा में चला - नीचे की ओर।
राजनीतिक घटनाक्रम पर ज्यादा ध्यान देने के चलते बाजार तमाम आर्थिक मसलों से जरा बेपरवाह हो गया था। जब चुनावी तापमान घटा तो बाजार को ध्यान आया कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व जल्दी ही टैपरिंग शुरू कर सकता है, यानी बांडों की खरीदारी के अपने कार्यक्रम क्यूई-3 को धीमा करने की शुरुआत कर सकता है। इस हफ्ते 17-18 दिसंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर दुनिया भर के निवेशकों की निगाहें जमी रहेंगी।
साथ में हफ्ते के दौरान बाजार को डर सताने लगा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 18 दिसंबर को अपनी बैठक में कहीं फिर से ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला न कर ले। हालाँकि आईआईपी के कमजोर आँकड़ों से यह भी दिखता है कि विकास की गति में सुधार के लक्षण नहीं हैं, लेकिन आरबीआई का ध्यान अभी विकास से ज्यादा महँगाई के नियंत्रण पर है। खुदरा महँगाई दर (CPI) अक्टूबर के 10.17% से बढ़ कर नवंबर में 11.24% हो जाने और उसके अंदर खाद्य महँगाई दर 14.72% हो जाने के चलते चिंताएँ बढ़ी हैं। आज सोमवार को ही थोक महँगाई दर (WPI) के आँकड़े भी सामने आने वाले हैं। अगर इसमें भी महँगाई बढ़ती दिखी तो बाजार की घबराहट भी बढ़ेगी।
फिलहाल राहत की बात केवल व्यापार घाटे (Trade Deficit) के मोर्चे पर है, क्योंकि सोने के आयात पर जबरदस्त अंकुश के कारण आयात में बड़ी गिरावट आयी है। व्यापार घाटा कम होने के चलते चालू खाते के घाटे (CAD) में कमी आयी है और इसका सालाना आँकड़ा अब सहनशील सीमा के अंदर रहने की उम्मीद बनी है।
जहाँ तक नये हफ्ते में बाजार की चाल की बात है, अभी बाजार एक दिलचस्प मुकाम पर है क्योंकि यह छोटी अवधि के लिए एक महत्वपूर्ण सहारे के पास है। मैंने गुरुवार 12 दिसंबर की सुबह लिखा था कि "5973-6415 की वापसी में 61.8% वापसी 6142 पर है। लगभग वहीं 6143 पर 20 एसएमए भी है, जो छोटी अवधि की चाल के लिहाज से महत्वपूर्ण है।"
हालाँकि यह 20 एसएमए यानी सिंपल मूविंग एवरेज शुक्रवार 13 दिसंबर के बंद स्तर पर 6175 पर आ गया था और इस तरह शुक्रवार के बंद स्तर 6168 पर निफ्टी 20 एसएमए के नीचे आ चुका है। यह 10 एसएमए (अभी 6249) के नीचे 12 दिसंबर को ही आ गया था। इस तरह अभी निफ्टी 10 और 20 एसएमए दोनों के नीचे आ चुका है।
अगर निफ्टी लगभग यहीं से सहारा ले कर फिर से 20 एसएमए के ऊपर लौटने के बदले 6140 के नीचे फिसल जाये, तो यह छोटी अवधि के लिए कमजोरी बढ़ने का संकेत होगा। बाजार कुछ और निचले स्तरों की ओर बढ़ चलेगा, जिसमें सीधे नजर टिकती है 5972 पर, जहाँ हाल में दो लगातार हफ्तों की तलहटी बनी थी।
आज के एकदिनी कारोबार की बात करें तो 6161 के नीचे जाने पर ही कमजोरी का रुझान बनने लगेगा। वहीं सकारात्मक रुख बनने के लिए जरूरी होगा कि निफ्टी 6175 के ऊपर जाये। वैसी हालत में 6190, 6220 जैसे स्तरों के बारे में सोचा जा सकता है। लेकिन आज सुबह एशियाई बाजारों में सुस्ती के बीच सकारात्मक रुझान बनने के आसार कम लग रहे हैं, कम-से-कम सुबह के कारोबार में ऐसा होना मुश्किल लगता है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 16 दिसंबर 2013)

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