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हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुनाफे में 2.48% की कमी

हिंदुस्तान यूनिलीवर के लाभ में 2.48% की कमी हुई है। कंपनी का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 615.74 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह लाभ 631.44 करोड़ रुपये था। हालांकि कंपनी की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में कंपनी को 4378.67 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में कंपनी की आय 3789.40 करोड़ रुपये रही थी।

 

निफ्टी के लिए 2,750-60 पर कड़ी बाधा

एम बी सिंह, सीईओ, टेक्निकल ट्रेडर्स ऑफ इंडिया

आज भारतीय शेयर बाजारों में सुबह का कारोबार ठीक रहने की संभावना है। निफ्टी के लिए ऊपर की ओर 2,750-60 के आसपास एक कड़ी बाधा है। सुबह के बाद के कारोबार में शेयर बाजारों के नीचे आने की संभावना है। मेरे विचार में दिग्गज शेयरों पर काफी दबाव है। आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के नतीजे बाजारों के बंद रहने के दौरान आये हैं। इनमें से आईसीआईसीआई बैंक का शेयर कमजोर है। इसे इस समय बाजार में मौजूद कमजोर शेयरों में से एक कहा जा सकता है। टूटने की स्थिति में यह 300 या उसके नीचे भी जा सकता है। भारतीय स्टेट बैंक के शेयर के लिए 1,000 के स्तर पर मजबूत समर्थन दिख रहा है। लेकिन यदि इस शेयर में इस स्तर के नीचे निर्णायक तरीके से कारोबार हो, तो यह नीचे की ओर 850 के स्तर तक भी जा सकता है।

राजू ना बनें नाइक साहब!

राजीव रंजन झा

यह तुलना शायद कई लोगों को पसंद नहीं आयेगी, क्योंकि एलएंडटी के सीएमडी ए एम नाइक को अपनी कंपनी के लिए काफी समर्पित माना जाता है। जैसी धोखाधड़ी बी रामलिंग राजू ने की है, ए एम नाइक के बारे में उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि शेयरधारकों और निवेशकों को भरमाने के मामले में श्री नाइक अब रामलिंग राजू की ओर बढ़ते दिख रहे हैं।

डॉव जोंस में 39 अंकों की बढ़त

मिली-जुली खबरों के बीच सोमवार को दिन भर अमेरिकी शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव होता रहा। आखिरकार डॉव जोंस 39 अंकों की बढ़त दर्ज करने के बाद बंद हुआ। एक ओर किटरपिलर जैसी बड़ी कंपनी ने चौथी तिमाही में अपनी कारोबारी सेहत बिगड़ने की खबर दी, दूसरी ओर उसने 20,000 कर्मचारियों को निकालने की भी घोषणा कर दी। कंपनी के लाभ में चौथी तिमाही में 32% की कमी आयी है।

आरबीआई ने अर्थव्यवस्था धीमी पड़ने के संकेत दिये

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अब औपचारिक रूप से यह साफ कर दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती जा रही है। आरबीआई ने अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को इसका प्रमुख कारण माना है। इसने मौद्रिक नीतियों की तिमाही समीक्षा से पहले जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत बढ़त दिखाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था 2008-09 की दूसरी तिमाही में धीमी पड़ी है। हालाँकि कृषि क्षेत्र की स्थिति ठीक लग रही है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर में तीखी कमी आयी है। साथ ही सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) भी धीमा पड़ रहा है।

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