वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में कुछ बदलावों की घोषणा की है।
केंद्रीय कैबिनेट ने घोषणा की है कि एनपीएस में सरकार के योगदान को 10% से बढ़ाकर 14% किया जायेगा। वहीं, सरकार ने रिटायरमेंट के बाद एनपीएस खाते से निकाली जाने वाली 60% राशि को टैक्स फ्री भी कर दिया है। हालांकि, एनपीएस में कर्मचारियों का योगदान 10% ही रहेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एनपीएस में बड़े बदलाव किये गये हैं। एनपीएस के अंतर्गत खाता धारक कुल जमा में से 60% राशि निकाल सकते हैं, जबकि बाकी की 40% राशि एन्युटी में चली जाती है। एकमुश्त निकासी पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 60% कर दिया गया है। यानी अब पूर्ण निकासी (60 फीसद) कर छूट के दायरे में आयेगी।
वर्तमान में कुल कॉर्पस का 60% हिस्सा अगर एनपीएस सब्सक्राइबर्स निकालता था तो उसमें से 40% राशि टैक्स फ्री रहती थी, जबकि बाकी के 20% पर टैक्स देना होता था। इस कर छूट का फायदा निकासी की सूरत में हर सेक्शन के कर्मचारी को होगा।
अरुण जेटली ने आगे कहा कि सरकार का योगदान के बढ़ने से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान के खजाने पर 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसके लिए काफी लंबे समय से माँग चल रही थी कि एनपीएस को ईईई (एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट) की श्रेणी में लाया जाये, जैसा कि ईपीएफ और पीपीएफ में होता है। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)