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बिहार, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश संभव - स्काईमेट (Skymet)

मौसम भविष्यवक्ता एजेंसी स्काईमेट (Skymet) के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पूर्वी राज्यों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

इसके अलावा इन भागों में एक-दो स्थानों पर तेज हवाएँ चलने और वर्षा के साथ आकाशीय बिजली दिखने की भी संभावना है। पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और झारखंड के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं बिहार, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में एक-दो स्थानों पर गरज और तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश देखी जा सकती है।
इन सब के बीच विदर्भ, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में लू जैसी हालत जारी रह सकती है। इन राज्यों के अलावा राजस्थान के हिस्सों में भी लू की स्थिति बन सकती है। अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में तापमान धीरे-धीरे 2-4 डिग्री तक बढ़ने की संभावना है। अगले 24 घंटों तक सुबह का तापमान सही रहेगा और उसके बाद धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि दिख सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में आज से उत्तर की ओर तेज हवाएँ चलेंगी, जिसकी रफ्तार में कल तक कमी हो जाने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत में मुख्य रूप से आसमान में धूप बने रहने के आसार हैं।

बीते 24 घंटों की मौसमी गतिविधियाँ
बीते 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के खरगोन शहर का अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ भागों सहित विदर्भ के इलाकों में लू जैसे हालात देखे गये। इसके अलावा राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में भी एक-दो स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही। देश के अधिकांश हिस्सों में सुबह के घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में कमी देखी गयी।
इन सब के बीच, उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों के तापमान में 2-6 डिग्री तक की गिरावट देखी गयी। पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश रिकॉर्ड हुई, जिसमें त्रिपुरा के कैलाशहर में 157 मिमी से भी अधिक वर्षा दर्ज की गयी। पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों सहित उत्तरी ओडिशा और झारखण्ड में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की गयी। इसके अलावा बिहार, तेलंगाना और उत्तरी कर्नाटक में भी एक-दो स्थानों पर बारिश की गतिविधियाँ देखी गयी।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम
जम्मू-कश्मीर के उत्तर के भागों पर बना पश्चिमी विक्षोभ अब दूर जा रहा है। इसके अवशेष अभी भी राज्य के पूर्वी भागों पर मौजूद है। पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तरी ओडिशा से लेकर झारखंड तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके अलावा मध्य असम के ऊपर भी हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है।
वहीं एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तेलंगाना और इससे सटे कर्नाटक के भागों पर सक्रिय है। इस सिस्टम से कर्नाटक और केरल होते हुए दक्षिणी तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा भी बन गयी है। दक्षिण तटीय गुजरात में भी एक निम्न स्तर का चक्रवाती क्षेत्र विकसित हुआ है। एक ऊपरी वायु ट्रफ पूर्वी उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ है, जिसके धीरे-धीरे पूर्व दिशा की ओर जाने की संभावना है। (शेयर मंथन, 01 अप्रैल 2019)

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