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आरबीआई का रेपो रेट में 0.50% बढ़ोतरी का एलान, महंगाई पर काबू प्राथमिकता

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट की नई दर 5.40% हो गई है।

 वहीं एमएसएफ (MSF) भी 5.15% से बढ़कर 5.65% हो गया है। आरबीआई (RBI) गवर्नर के मुताबिक वैश्विक स्तर पर महंगाई चिंता का विषय बना हुआ है। उभरते बाजारों के लिए वैश्विक, घरेलू खतरे बढ़ रहे हैं। बढ़ते वैश्विक खतरे का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। जहां तक बैंकों के पास लिक्विडिटी का सवाल है तो वह पर्याप्त है। आरबीआई ने MPC बैठक में अकोमोडेटिव रुख वापस लेने पर फोकस करने की बात कही है। कोर महंगाई दर ऊंचे स्तर पर बने रहने का अनुमान लगाया गया है। हालाकि आरबीआई ने इस बात को माना कि अप्रैल के मुकाबले महंगाई में कमी आई है। शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है, वहीं ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है। निवेश में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में सालाना 14% की बढ़ोतरी देखी गई है। बेहतर मॉनसून से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी संभव है। जहां तक जीडीपी (GDP) का सवाल है वित्त वर्ष 2023 के लिए इशमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त वर्ष 2023 के रियल GDP ग्रोथ 7.2% पर बरकरार रखा गया है। वहीं पहली तिमाही में 7.2% रखा गया है। वहीं FY23 Q1 में GDP ग्रोथ 16.2% रह सकता है। FY23 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2% संभव है। वहीं तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.1% रह सकता है। वहीं चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 4% संभव है। सरकार के प्रयासों और खाद्य तेल की आपूर्ति में सुधार से कीमतों में कमी आई है। साथ ही घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में आगे भी कमी आने की बात कही गई है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के महंगाई दर अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त वर्ष 2023 में महंगाई दर 6.7% हो सकता है। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 7.1%, तीसरी तिमाही में महंगाई दर 6.4% और चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.8% तक रह सकता है। वहीं वित्त वर्ष 2024 के पहली तिमाही में महंगाई दर 5% संभव है। आरबीआई का मानना है कि महंगाई के मोर्चे पर अनिश्चितताएं अभी भी बरकरार है। एसडीएफ (SDF) से सरप्लस लिक्विडिटी में कमी आई है। लिक्विडिटी के मोर्चे पर RBI की नजर बनी हुई है। RBI का रुपए की स्थिरता बनाए रखने पर फोकस है। महंगाई अभी भी ऊपरी स्तर पर बरकरार है। आरबीआई ने पॉलिसी फैसले में ग्रोथ पर हमेशा फोकस रखने की बात कही है। आरबीआई ने चालू खाता घाटा को लेकर चिंता करने की बात नहीं कही है। RBI ने बताया है कि सेंट्रल बैंक एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव से निपटने में सक्षम है। आरबीआई ने साफ किया है कि रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर सामान्य हो गई है। दरों में बढ़ोतरी के बाद आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी कि डिपॉजिट रेट में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। आरबीआई को उम्मीद है कि व्यापार घाटे में जल्द सुधार आएगा। वैश्विक बदलावों के असर से भारत अछूता नहीं है। महंगाई से निपटने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला कहां जाकर थमेगा कहना मुश्किल है। हाल में ऐप के जरिए हो रही धोखाघड़ी के सवाल पर आरबीआई गर्वनर ने कहा कि ज्यादातर फ्रॉड के मामले अनरेगुलेटेड ऐप के जरिए देखने को मिला है। इस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है। साथ ही आरबीआई ने जल्द ही डिजिटल लेंडिंग पर गाइडलाइंस जारी करने की बात कही है।

(शेयर मंथन 04 अगस्त, 2022)

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