
हिंडनबर्ग मामला तो याद ही होगा, जिसने शेयर बाजार में हलचल मचा दी थी। अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर औंधे मुँह गिरे थे और जिसकी जाँच भारत से लेकर अमेरिका तक में हुई थी। इस मामले में सेबी पर भी मिलीभगत के आरोप लगे थे और अंतत: जिसके तार का सिरा बुनते-बुनते हिंडनबर्ग कंपनी खुद बंद हो गयी। उसी मामले के तार अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जुड़ते दिख रहे हैं। ये खुलासा किया है दुनिया की सबसे खतरनाक खूफिया एजेंसी इजरायल की मोसाद ने।
साजिश और मिलभगत
अदाणी समूह को करीब ढाई लाख करोड़ रुपये और भारतीय शेयर बाजार को 150 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाने वाली हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कोई रिपोर्ट नहीं बल्कि एक साजिश का हिस्सा थी। ’ऑपरेशन जेपलिन’ के जरिचे इजरायल की खूफिया एजेंसी मोसाद ने ये खुलासा किया है। स्पुतनिक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद को ये तमाम जानकारी एक खुफिया ऑपरेशन के जरिये मिली, जिससे पता चला कि भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और हिन्डनबर्ग रिसर्च टीम के बीच संबंध थे। इस रिपोर्ट का मकसद कुछ और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अदाण को कमजोर करना था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मौसाद ने राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा के घर के सर्वरों को निशाना बनाकर खुफिया ऑपरेशन किया था। यहीं से उसे साजिश और मिलिभगत की जानकारी मिली और कांग्रेस और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच रिश्तों के पुख्ता सबूत मिले। इस ऑपरेशन में एन्क्रिप्टेड चैटरूम और अघोषित बैकचैनल कम्यूनिकेशंस को मोसाद ने उजागर किया।
2023 में आई थी रिपोर्ट, मचा था बवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च ने साल 2023 में एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में गौतम अदाणी और अदाणी समूह पर हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गये थे। ये बात और है कि वो कभी साबित नहीं हुए।
मोसाद ने क्यों की जाँच?
आपको याद होगा कि अदाणी समूह की कंपनी अदाणी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन ने इजराइल के साथ 1.2 अरब डॉलर का करार किया था। ये करार इजरायल के सबसे बड़े पोर्ट हायफा का नियंत्रण लेने के लिए था। इसी डील के बाद हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई जिसने सभी जगह भूचाल ला दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद को खुफिया तरीके से आरोपों की जाँच करने के लिए कहा था।
शुरू हुआ ऑपरेशन जेपलिन
नेतन्याहू के आदेश के बाद मोसाद ने ‘ऑपरेशन जेपलिन’ शुरू कर दिया। इसी के तहत उसने हिंडनबर्ग के ग्लोबल नेटवर्क की खुफिया तरीके से जाँच की। मोसाद ने हिंडनबर्ग के न्यूयॉर्क के ऑफिस और कंपनी के संस्थापक नाथन एंडरसन पर नजर रखनी शुरू कर दी। इसके बाद मोसाद ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया जिसमें कई एक्टिविस्ट, वकील, पत्रकार, हेज फंड और जॉर्ज सोरेस की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ।
कहाँ से आया राहुल गांधी का नाम
मोसाद ने अपनी जाँच में पाया कि राहुल गांधी ने मई, 2023 में कैलीफोर्निया के पालो ऑल्टो में हिंडनबर्ग के कुछ लोगों से मुलाकात की थी। जाँच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग के संस्थापक एंडरसन की टीम के साथ मिलकर अदाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साजिशन नुकसान पहुँचाने की योजना बनाई। इस बात का भी खुलासा सैम पित्रोदा के अमेरिका के घर की जाँच से हुआ है।
(शेयर मंथन, 25 अप्रैल 2025)
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