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भारत की जगह अमेरिका में आईफोन बनाने पर इतनी बढ़ जायेगी एप्पल की लागत

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से शुल्क को लेकर अपनी अप्रत्याशित नीति से दुनिया में हलचल मचा दी है। इस बार उनके निशाने पर दिग्गज अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी ऐपल है। ट्रंप एप्पल को अपने आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में करने के लिए कह रहे हैं।

इसे लेकर पिछले सप्ताह से बयानबाजियाँ शुरू हुईं। अब ट्रंप ने एप्पल को 25% शुल्क की धमकी दी है। इसके बाद कयास तेज हो गये हैं कि क्या एप्पल ट्रंप के दबाव में अपना विनिर्माण अमेरिका में हस्तांतरित करेगी। हालाँकि यह आसान नहीं होने वाला है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर एप्पल भारत या चीन की जगह अपने आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में करती है, तो इससे उसकी लागत काफी बढ़ जाने वाली है।

यूबीएस की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगर एप्पल अमेरिका में आईफोन का विनिर्माण करती है तो इससे लागत में 23% से 54% तक की वृद्धि होने वाली है। यूबीएस का यह आकलन आईफोन के विनिर्माण की पूरी श्रृंखला में सिर्फ अंतिम कड़ी को अमेरिका ले जाने के हिसाब से तैयार किया गया है। आईफोन के रूप में अंतिम उत्पाद तैयार करने की प्रक्रिया के कई चरण हैं। इसका अंतिम चरण असेंबलिंग का है। इसमें विभिन्न कल-पुर्जों जैसे चिप, कैमरा और सॉफ्टवेयर आदि को एकीकृत कर अंतिम उत्पाद तैयार किया जाता है।

एप्पल अभी मुख्य रूप से अपने आईफोन को भारत और चीन में असेंबल करती है। बीते सालों में एप्पल ने ‘चीन प्लस वन’ की रणनीति पर काम करते हुए भारत में विनिर्माण को तेज किया। अभी अमेरिकी बाजार में बिकने वाले 80% आईफोन भारत में बन रहे हैं। चीन के साथ इस साल की शुरुआत में अमेरिका का व्यापार युद्ध तेज होने के बाद एप्पल ने अमेरिकी बाजार में बिकने वाले 100% आईफोन को भारत में तैयार करने की योजना बनायी। एप्पल के लिए अनुबंध पर आईफोन बनाने वाली कंपनियों ने इसके हिसाब से भारत में अपने संयंत्रों की क्षमता में विस्तार करना शुरू कर दिया।

यूबीएस की रिपोर्ट में आईफोन 16 प्रो मैक्स 256 जीबी का उदाहरण देते हुए बताया कि अभी इसकी एक यूनिट बनाने में कुल 650 डॉलर की लागत आ रही है। अगर एप्पल सिर्फ असेंबलिंग को अमेरिका ले जाती है तो यह लागत बढ़कर 800 डॉलर से 1000 डॉलर पर पहुँच सकती है। यूबीएस के अनुसार, अभी एप्पल को असेंबलिंग में हर यूनिट पर 35 डॉलर का खर्च आता है। अमेरिका में असेंबल करने पर यह लागत 185 डॉलर से 385 डॉलर तक हो सकती है।

इसी तरह ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने भी एक रिपोर्ट में अपना आकलन दिया है। इस रिपोर्ट के हिसाब से अभी अगर एक आईफोन की औसत कीमत 1 हजार डॉलर है। इसमें 550 डॉलर कल-पुर्जों से लेकर असेंबलिंग तक खर्च होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक आईफोन में 150 डॉलर के चिप्स लगते हैं, जो ताईवान में बनते हैं। स्क्रीन और मेमोरी के लिए 90 डॉलर खर्च होते हैं, जिन्हें दक्षिण कोरिया में बनाया जाता है। कैमरा सिस्टम के लिए 85 डॉलर का खर्च आता है, जो जापान में बनता है। भारत और चीन में असेंबली की लागत केवल 30 डॉलर प्रति डिवाइस है, जो कुल कीमत का मात्र 3% है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक असेंबली श्रमिक की मासिक लागत लगभग 230 डॉलर है, जबकि अमेरिका में न्यूनतम वेतन कानूनों के कारण यह 2,900 डॉलर तक हो सकती है। यानी असेंबली की लागत लगभग 13 गुना अधिक हो सकती है। इसके चलते 1 हजार डॉलर के आईफोन की कीमत बढ़कर 3 हजार डॉलर तक पहुँच सकती है।

(शेयर मंथन, 26 मई 2025)

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