कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
मार्च 2014 में भारत का व्यापार घाटा 29% बढ़ कर 10.51 अरब डॉलर हो गया है, जबकि फरवरी 2014 में यह 8.13 अरब डॉलर रहा था।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 86 अंक यानी 0.38% की गिरावट के साथ 22,629 पर रहा। निफ्टी 20 अंक यानी 0.30% की कमजोरी के साथ 6,776 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 0.07% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 0.10% और बीएसई स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 0.66% की मजबूती रही। क्षेत्रों के लिहाज से आज तेल-गैस और ऑटो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार में गिरावट बढ़ी। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान सेंसेक्स 22,527 और निफ्टी 6,743 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। दोपहर के कारोबार में बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। हालाँकि दोपहर बाद के कारोबार में बाजार की गिरावट में कमी आती चली गयी। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार सँभलता नजर आया। इस दौरान सेंसेक्स 22,679 और निफ्टी 6,789 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज तेल-गैस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1.28% की गिरावट रही। ऑटो में 1.20%, कैपिटल गुड्स में 0.98%, बैंकिंग में 0.78%, धातु में 0.32%, एफएमसीजी में 0.28% और पावर में 0.23% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 1.54% की मजबूती रही। टीईसीके में 1.21%, हेल्थकेयर में 0.91%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.40% और रियल्टी में 0.29% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 11 अप्रैल 2014)
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