
इंटरग्लोब एविएशन (Interglobe Aviation) या इंडिगो को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 651.2 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
नवंबर 2015 में सूचीबद्ध होने के बाद यह कंपनी का पहला तिमाही घाटा है। वहीं कंपनी को पिछले साल की समान अवधि में 551.5 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालाँकि प्रमुख विमानन कंपनी की साल दर साल आधार पर शुद्ध आमदनी 5,290.9 करोड़ रुपये से 17% की बढ़त के साथ 6,185.31 करोड़ रुपये रही। कंपनी को हुए घाटे के दो मुख्य कारण हैं, जिनमें ईंधन की कीमतों में वृद्धि और रुपये में आयी कमजोरी शामिल है। इससे इंडिगो सहित सभी भारतीय विमानन कंपनियों की लागत में काफी इजाफा हुआ है।
इंडिगो की ईंधन लागत 1,647.30 करोड़ रुपये से 84.30% की बढ़ोतरी के साथ 3,035.5 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी। वहीं कंपनी का एबिटार, एयरलाइन की लाभकारिता मापने का महत्वपूर्ण तरीका, 1,581.1 करोड़ रुपये से 86% घट कर 220.4 करोड़ रुपये रह गया। इसके अलावा कंपनी की उपलब्ध सीट प्रति किलोमीटर लागत (सीएएसके) 24% की बढ़त के साथ 3.74 रुपये हो गयी। वहीं आरएएसके (उपलब्ध सीट प्रति किलोमीटर आमदनी) 3.52 रुपये से 8.1% घट कर 3.23 रुपये रह गयी।
बता दें कि कंपनी के नतीजे जानकारों के अनुमान से काफी कमजोर रहे।
उधर बीएसई में इंडिगो के शेयर ने 817.10 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में कमजोरी के साथ 773.00 रुपये पर शुरुआत की। सवा 10 बजे के करीब यह 4.40 रुपये या 0.54% की गिरावट के साथ 812.70 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 25 अक्टूबर 2018)
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