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सीसीईए से हिंदुस्तान जिंक में 29.5% हिस्सा बिक्री को मंजूरी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की हुई अहम बैठक में सरकार ने हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। सरकार हिंदुस्तान जिंक में 29.5% हिस्सा बेचेगी। सरकार को इस हिस्सा बिक्री से 38,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।

सरकार का यह फैसला मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश में तेजी लाने के मकसद से किया गया है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 65,000 करोड़ की रकम जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सरकार का 29.5 फीसदी हिस्सा बिक्री करीब 124.96 करोड़ शेयर के बराबर होगा। इन शेयरों की बिक्री के जरिए सरकार को मौजूदा शेयर प्राइस (CMP) के हिसाब से करीब 38,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। बीएसई पर हिंदुस्तान जिंक का शेयर 3.14% चढ़कर बंद हुआ। हालाकि कारोबार के दौरान शेयर का भाव 317.30 रुपए के ऊपरी स्तर को छुआ।
आपको बता दें कि हिंदुस्तान जिंक 2002 तक सरकारी कंपनी थी। अप्रैल 2002 में सरकार ने 26 फीसदी हिस्सा स्टरलाइट अपरचुनिटिज एंड वेंचर्स (SOVL) को 445 करोड़ रुपए में बेच दिया था। इसके बाद हिंदुस्तान जिंक पर वेदांता ग्रुप मैनेजमेंट का नियंत्रण हो गया। बाद में वेदांता ने बाजार से 20 फीसदी हिस्सा खरीदा था। इसके बाद नवंबर 2003 में वेदांता ग्रुप ने सरकार से 18.92 फीसदी हिस्सा खरीद लिया था। इसके बाद हिंदुस्तान जिंक में वेदांता ग्रुप का कुल हिस्सा बढ़कर 64.92 फीसदी हो गया। वेदांता अनिल अग्रवाल की कंपनी है। अनिल अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि वे हिंदुस्तान जिंक में 5 फीसदी और हिस्सा खरीद सकते हैं, लेकिन वे हिस्सा खरीद के लिए ऑफर किए गए शेयर प्राइस पर विचार करेंगे। (शेयर मंथन 25 मई 2022)

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