हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 6,600-6,550 रुपये तक लुढ़क सकती है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,350 रुपये से नीचे ही रहने की संभावना है और कीमतें नरमी के रुझान के साथ 6,050 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
हल्दी वायदा (मार्च) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 5,850-6,030 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जुलाई) में गिरावट जारी रहने की संभावना है और आने वाले दिनों में यह 6,100-6,050 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में नरमी के रुझान के साथ कारोबार होने की संभावना है।
हल्दी वायदा की कीमतें अपने 3 साल के निचले स्तर 5,280 रुपये के पास कारोबार कर रही है और चल रहे लॉकडाउन के बीच निर्यातकों और मसाला निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों की ओर से माँग में गिरावट के कारण इस नरमी के रुझान के जारी रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,300-6,425 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 6,000-6,050 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,450-7,590 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें एक महीने के निचले स्तर के नजदीक कारोबार कर रही है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 5,750-5,850 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,200-740 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है और 8,500 रुपये के पास बाधा के साथ बिकवाली हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 7,900-7,800 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 83,400 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
हर वर्ष हम एक अलग पद्धति से म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की समीक्षा करके विशेष कर इक्विटी की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता फंडों (Best Equity Funds) का चयन करते हैं।