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कुछ तिमाहियों तक ब्‍याज दरें रहेंगी स्थिर

विजय चोपड़ा

एमडी-सीईओ, इनॉच इंटरमीडियरीज

सकारात्मक बातों में एफआईआई खरीदारी, महँगाई दर में कमी, ब्याज दरों के घटने की संभावना, कच्चे तेल की नीची कीमतें, कंपनियों की आय (अर्निंग) अच्छी रहना, अच्छा कर संग्रह और घरेलू खपत को गिना जा सकता है।

वहीं भूराजनीतिक तनाव, डॉलर की मजबूती, चुनावी नतीजे, महँगाई दर यदि ऊपर जाने लगे, निर्यात में कमी, चालू खाता घाटा (सीएडी), फिस्कल डेफिसिट, ऋण स्तरों में वृद्धि और सीमा पर तनाव जैसे कारक नकारात्मक बन सकते हैं। देश की जीडीपी चालू वित्‍त वर्ष में 6.5% और अगले वित्‍त वर्ष में 7.2% रह सकती है। भारतीय बाजारों का प्रदर्शन अगले एक साल में वैश्विक बाजारों के मुकाबले उम्मीद से बेहतर रहने का अनुमान है।

बढ़ती महँगाई और ऊँची ब्‍याज दरें बाजार के लिए काफी अहम हो सकती हैं। मेरा मानना है कि कुछ और तिमाहियों तक रिजर्व बैंक ब्‍याज दरें स्थिर रख सकता है। मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्‍स 68,000 और निफ्टी 20,000 के आस-पास रह सकता है। एक साल में सेंसेक्‍स 69,000 और निफ्टी 21,000 तक जा सकते हैं।

(शेयर मंथन, 08 जुलाई 2023)

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