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क्या आप सेंसेक्स (Sensex) 15,000 पर जाने का इंतजार करेंगे

राजीव रंजन झा : भारतीय बाजार ने कल तो वापस पलटने का कोई संकेत नहीं दिखाया और फिर से लुढ़क गया, लेकिन आज सुबह शुरुआती कारोबार में कुछ हरियाली दिख रही है।

हालाँकि यह हरियाली कितनी टिक पाती है, इसे देखना होगा। कल रिलायंस इंडस्ट्रीज के 900 रुपये के नीचे फिसलने से भी बाजार में कुछ बेचैनी बढ़ी, हालाँकि आज सुबह यह वापस 900 रुपये के ऊपर दिख रहा है। भारती एयरटेल कमजोर नतीजों के बावजूद हरे निशान में है। इस हफ्ते अब तक निफ्टी ने 5400 का स्तर बचाये रखा है। इससे लगता है कि यहाँ बाजार को एक सहारा मिल रहा है।
अभी चिंता विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली के कारण है। जनवरी महीने में उन्होंने 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा की शुद्ध बिकवाली की। फरवरी महीने का पहला दिन भी उनकी 1037 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली का रहा। विदेशी ब्रोकिंग फर्मों की ताजा टिप्पणियाँ देखें तो उन्हें भारतीय बाजार में और 10-15% गिरावट की संभावना दिख रही है। ऐसे बयानों से मुझे लगता है कि उनकी खरीदारी जल्दी ही फिर से शुरू हो सकती है। कोई बड़ा खरीदार बाजार में ढोल पीट कर खरीदारी शुरू नहीं करता। बड़े खरीदारों के लिए तो यही अच्छा होगा ना कि बाजार में काफी घबराहट फैली रहे, जिससे उनकी खरीदारी शुरू होने पर भी शेयरों के भाव ठंडे ही रहें और उन्हें सस्ते भावों पर शेयर बटोरने का पूरा मौका मिले।
ऊँची महँगाई और बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद अभी विकास दर पर असर होने या भारतीय कंपनियों की आय के अनुमान घटाये जाने की स्थिति नहीं आयी है। अब बाजार 01 साल आगे, यानी 2011-12 की अनुमानित आय के आँकड़ों पर चलना शुरू करेगा। सेंसेक्स की प्रति शेयर आय (ईपीएस) के अनुमान 1200-1300 के दायरे में आ रहे हैं। अगर इनका औसत 1250 रुपये लेकर चलें तो अभी बाजार करीब 14.5 के पीई अनुपात पर चल रहा है। इसे महँगा बाजार नहीं कहा जा सकता।
हाल की गिरावट ने बाजार को ऐसे मुकाम पर ला दिया है, जहाँ मूल्यांकन को लेकर लोगों की चिंता खत्म हो गयी होगी। लेकिन निवेशक बड़े स्तर पर खरीदारी शुरू करने से पहले गिरावट थमने और बाजार की धारणा सुधरने का इंतजार करेंगे। भारतीय बाजार हाल के वर्षों में अपने बुरे दौर में भी करीब 12 के पीई अनुपात तक फिसला है। इस लिहाज से बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ने या नयी चिंताएँ उभरने पर सेंसेक्स का 15,000 तक फिसलना संभव है। लेकिन गिरावट 18,000 पर रुकेगी या 15,000 पर, यह कोई दावे से नहीं कह सकता। ऐसे में ठीक तलहटी पर खरीदारी करने का मौका आप पकड़ पायेंगे क्या? भारतीय बाजार को ऐसे मौके ज्यादा समय तक देने की आदत नहीं है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 02 फरवरी 2011)

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