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सरकार के फैसलों से बाजार में कितना जगेगा उत्साह?

राजीव रंजन झा : कल केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जो अहम फैसले लिये गये, उनसे बाजार को एक सकारात्मक संकेत मिलना चाहिए।
इनमें सबसे अहम फैसला वोडाफोन से संबंधित है। भले ही वोडाफोन भारतीय शेयर बाजार में नहीं है, लेकिन उसे राहत मिलने की खबर बाजार को अच्छी लगेगी। इसे विदेशी निवेशकों के प्रति सरकार का रवैया उदार होने के संकेत के रूप में लिया जायेगा। हालाँकि इस मसले पर अब भी काफी रास्ता तय करना होगा और यह रास्ता आसान नहीं होगा। लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल के स्तर पर वोडाफोन के साथ सुलह का फैसला लिया जाना निश्चित रूप से बाजार को रास आयेगा।
दूसरी ओर सरकार का एक फैसला कम-से-कम रियल एस्टेट शेयरों पर कुछ दबाव डाल सकता है। रियल एस्टेट क्षेत्र का एक नियामक (regulator) बनाने के लिए विधेयक के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस क्षेत्र की कंपनियों की शुरुआती प्रक्रिया से साफ है कि इस विधेयक के प्रावधान उन्हें चुभ रहे हैं। इसके प्रावधान एक खरीदार के हितों को तो काफी हद तक सुरक्षित करते हैं, लेकिन रियल एस्टेट कंपनियों को अपने ऊपर एक शिकंजा कसता लग रहा है। लेकिन इस विधेयक की तैयारी पहले से चल रही थी और इसका एक मोटा-मोटा खाका उनके सामने पहले से था। लिहाजा इसे किसी अचानक झटके के तौर पर नहीं देखा जा सकता। लेकिन यह खबर उनके शेयर भावों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। खास कर ऐसी रियल एस्टेट कंपनियों को लेकर बाजार अब ज्यादा चौकन्ना हो जायेगा, जिनकी वित्तीय सेहत अच्छी नहीं चल रही है और जिनके पास नकदी की कमी है या कर्ज का बोझ कुछ ज्यादा है।
खैर, सवाल यह है कि आज कुल मिला कर बाजार की चाल कैसी रहेगी? मैंने पिछले दिन ही राग बाजारी के शीर्षक में लिखा था कि “यहाँ मिल सकता है सहारा, लेकिन दिशा नीचे।” तस्वीर आज भी कुछ वैसी ही लग रही है। अगर सरकार के फैसलों से बाजार में एक उत्साह बनता है तो इससे शुरुआती उछाल मिल सकती है। लेकिन आज और आने वाले कुछ सत्रों में निफ्टी के लिए 5970-6000 के दायरे को पार करने में काफी मुश्किल हो सकती है।
कल सुबह मैंने लिखा था कि “किसी वापस उछाल के दौरान 5990-6010 के दायरे में ही पहली बाधा मिल सकती है।” सुबह जब बाजार खुला तो इसने वापस सँभलने की कोशिश की और शुरुआती कारोबार में ही करीब साढ़े दस बजे तक यह 5982 तक चला गया। लेकिन ऊपर बताये गये दायरे 5990-6010 से कुछ पहले ही यह अटक गया और उसके बाद पूरे दिन फिसलता रहा। अंतिम घंटे में यह लाल निशान में भी चला गया और अंत में 20 अंक के हल्के नुकसान के साथ 5919 पर बंद हुआ।
इस प्रक्रिया में निफ्टी एक बार फिर 5942 के नीचे आ गया, जो 10 अप्रैल की तलहटी 5477 से 20 मई के शिखर 6229 की 38.2% वापसी का स्तर है। दरअसल 5477 से 6229 की उछाल के बाद निफ्टी की गतिविधि को देखें तो इसने पहले 38.2% वापसी यानी 5942 के आसपास 5937 तक फिसलने के बाद सहारा लिया। इसके बाद यह 23.6% वापसी के स्तर 6052 को भी पार करके 6134 तक चढ़ा। वहाँ से गिरावट के अगले चरण में इसने फिर से 38.2% वापसी के स्तर को बंद भाव के लिहाज से भी तोड़ दिया। लगातार दूसरे दिन यह 5942 के नीचे बंद हुआ है। यह निफ्टी की आगे की चाल के लिए निश्चित रूप से अच्छा संकेत नहीं है।
कल निफ्टी ने 5910 का निचला स्तर बनाया, जो पिछले दिन की तलहटी 5916 के नीचे है। ऊपर की ओर यह सोमवार के ऊपरी स्तर को पार नहीं कर सका। इस तरह अब दैनिक चार्ट पर निचले शिखर और निचली तलहटी का क्रम बनता दिखने लगा है। यह बात भी बाजार की चाल कमजोर पड़ने का संकेत है।
लेकिन इन स्तरों पर अभी निफ्टी के लिए एक सहारा बाकी है। यह सहारा मिलता है 14 मई की तलहटी 5970 और 24 मई की तलहटी 5937 को मिलाने वाली रुझान रेखा (ट्रेंड लाइन) से। दिलचस्प ढंग से इस हफ्ते सोमवार और मंगलवार दोनों ही दिन की तलहटियाँ इस ट्रेंड लाइन पर ही सहारा ले रही हैं।
अगर सरकार के फैसलों से जगे उत्साह में बाजार ने इस रुझान रेखा को बचाये रखा तो इस हफ्ते निफ्टी पहले 5942, फिर 5970-6000 के दायरे और उसके बाद 6050 के आसपास तक लौटने की एक कोशिश कर सकता है। लेकिन बाजार में वापस मजबूती लौटने का पहला संकेत तभी मानना चाहिए, जब यह 6050 के ऊपर लौटे और ऊपरी स्तरों पर टिकने का रुझान दिखाये।
लेकिन अगर आज या अगले कुछ दिनों में यह रुझान रेखा कट गयी तो बाजार में बिकवाली का दबाव तीखा होता नजर आयेगा। निफ्टी ने जब 30 मई के ऊपरी स्तर 6134 से पलटना शुरू किया तो काफी लोगों की नजर हेड एंड शोल्डर बनने की संभावना पर टिक गयी। अगर केवल बंद भाव के आधार पर बनने वाले रेखीय (लाइन) चार्ट को देखें तो इस हेड एंड शोल्डर की नेकलाइन (गर्दन-रेखा) कट चुकी है। लेकिन शिखर-तलहटी को भी लेकर बनने वाले बार या कैंडल चार्ट के आधार पर देखें तो इस हेड एंड शोल्डर की नेकलाइन दरअसल ऊपर बतायी गयी रुझान रेखा ही है। इसलिए यह रुझान रेखा कटने पर हेड एंड शोल्डर की नेकलाइन से फिसल जाने और इस तरह एक और बड़ी गिरावट की पुष्टि हो जायेगी।
लेकिन अगर 5970 से 6229 तक उछाल, फिर 5937 तक गिरावट, उसके बाद 6134 तक उछाल और फिर अब 5910 तक नीचे आने को देखें तो यह एक फॉलिंग वेज (नीचे जाती खूँटी) जैसी संरचना भी लगती है। पर फॉलिंग वेज बनने की स्थिति में यह जरूरी होगा कि 5970 और 5937 को मिलाने वाली रुझान रेखा नीचे की ओर न कटे। आम तौर पर फॉलिंग वेज से ऊपर की ओर नयी चाल बनती है। लेकिन वैसा तभी हो सकेगा, जब निफ्टी 6229 और 6134 के ताजा शिखरों को मिलाती रुझान रेखा को पार करके इसके ऊपर निकल सके।
इन सारी बातों का मोटा-मोटा निष्कर्ष यह है कि 5900-5910 के नीचे जाने पर निफ्टी की कमजोरी बढ़ेगी, जबकि ऊपर चढ़ने की कोशिश में इसे कदम-कदम पर बाधाएँ मिलेंगी। कल के ऊपरी स्तर 5982 को पार करने के बाद ही किसी छोटी या बड़ी सकारात्मक चाल की उम्मीद की जा सकेगी। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 05 जून 2013)

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