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कितनी नकदी रखें हाथ में

राजीव रंजन झा : शेयर बाजार में आप अक्सर यह सलाह सुनते होंगे कि गिरावट आने की संभावना है, इसलिए नकदी हाथ में रखें।
लेकिन सवाल है कि कितनी नकदी हाथ में रखी जाये। जब बाजार ऊपर जाने की संभावना दिख रही हो, तो हाथ में नकदी कम रहनी चाहिए और शेयरों में निवेश ज्यादा-से-ज्यादा होना चाहिए। लेकिन जब बाजार के फिसलने की संभावना दिख रही हो, तो हाथ में नकदी ज्यादा होनी चाहिए ताकि आप निचले स्तरों पर खरीदारी कर सकें। इसके लिए आप उन शेयरों से पहले निकल जाते हैं जो काफी ज्यादा बढ़ चुके हों, जिनका मूल्यांकन काफी ऊँचा हो चला हो, या जो बुनियादी रूप से उतने मजबूत नहीं दिख रहे हों। तो अब सवाल यही है कि गिरावट की संभावना दिखने पर कितने शेयर बेच लिए जायें?
एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है कि जब बाजार फिसलने वाला हो तो कोई भी शेयर क्यों हाथ में रखें? सारे बेच लें, और जब बाजार नीचे आये तो फिर से खरीद लें! बेशक, अगर दाँव सही बैठा तो सबसे ज्यादा फायदा इसी में होगा। लेकिन क्या आपको पक्का यकीन है कि बाजार फिसलने जा रहा है? अगर बाजार नहीं फिसला तो आप बाजार से बाहर ही हो गये! दोबारा उसी बाजार में लौटने के लिए आपको ज्यादा ऊँची कीमत चुकानी होगी।
कुछ लोग 25-30% नकदी या फिर 50% नकदी तक की सलाह देते हैं। अब 50% नकदी रखने में तभी समझदारी है, जब आपको बाजार के फिसलने के पक्के संकेत दिख रहे हों। वहीं 25-30% नकदी आपको वास्तव में कोई बड़ा फायदा नहीं देती। एक मिसाल देखें – मान कर चलते हैं कि आपके पास 100 रुपये के शेयर हैं। उम्मीद है कि अगले 1 साल में ये 20% फायदा देंगे। तो अगर आप अपने शेयरों को यूँ ही छोड़ दें, तो ये 120 रुपये के हो जायेंगे। लेकिन फिलहाल अगर गिरावट की संभावना है, तो 30% बेच लिया जाये। अगर बाजार में सचमुच 15% तक की गिरावट आ जाती है, और आप उस गिरावट का पूरा फायदा उठा पाते हैं, तो आपको बाजार के 85 से 120 तक जाने का फायदा मिलेगा, यानी अपने पोर्टफोलिओ के 30% हिस्से पर 20% के बदले 40% से ज्यादा फायदा मिलेगा। तो आपके 70 रुपये के शेयर (जो आपने नहीं बेचे थे) 20% बढ़ कर 84 रुपये के होंगे, और 30 रुपये के शेयर (जो आपने 15% गिरावट आने पर खरीदे), वे 40-41% बढ़ कर 42 रुपये के होंगे, यानी कुल मिला कर आपका पोर्टफोलिओ 126 रुपये का होगा।
तो इसका मतलब यह है कि अगर आप चुपचाप बैठे रहते तो आपको 100 पर 20 रुपये मिलते, और अगर आपने सही समय पर 30% हिस्से की बिकवाली और फिर सही समय पर खरीदारी कर ली, तो पूरे पोर्टफोलिओ पर 26 रुपये का फायदा मिला। बस 6% ज्यादा फायदे के लिए इतनी उठापटक? बड़े फंड मैनेजरों के लिए ठीक है, पर आपके लिए?  Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 13 जून 2013)

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