भारतीय शेयर बाजार में मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स इस समय दिलचस्प मोड़ पर खड़े हैं। जहाँ निफ्टी और सेंसेक्स नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं, वहीं मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स उतना उत्साह नहीं दिखा पा रहे हैं।
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार कहते है कि मिड कैप इंडेक्स में कम से कम 15–20% की मजबूत अपसाइड की गुंजाइश अभी भी मौजूद है। यह मूवमेंट फरवरी के आसपास देखने को मिल सकता है, जब मिड कैप कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे सामने आएंगे। चूंकि इस सेगमेंट में पिछले काफी समय से दमदार रैली नहीं आई है, इसलिए एक बार ट्रिगर मिलते ही तेज उछाल की संभावना पूरी तरह से बनी हुई है। स्मॉल कैप इंडेक्स भी मिड कैप की तरह ही थोड़ा अटका हुआ दिखाई देता है। जब निफ्टी और सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड हाई बनाया, तब स्मॉल कैप ने उस रफ्तार का साथ नहीं दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा ड्राइवर कंजम्प्शन है और फिलहाल कंजम्प्शन में सुधार साफ दिखाई दे रहा है। ऐसे में अगर अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और उसके बावजूद स्टॉक मार्केट में ग्रोथ नहीं दिखाई दे, तो वह विसंगति होगी। इसलिए दीर्घकालिक नजरिए से मिड कैप और स्मॉल कैप दोनों सेगमेंट में आगे अच्छे अवसर बने रहेंगे, भले ही फिलहाल यह कुछ समय के लिए ठहराव या मामूली करेक्शन दिखा दें।
(शेयर मंथन, 05 दिसंबर 2025)
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