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पेट्रोल, डीजल पर सरकार का एक्साइज ड्यूटी में कटौता का बड़ा ऐलान, फैसले से आम जनता को महंगाई से मिलेगी राहत

सरकार ने महंगाई से परेशान जनता को राहत देने के फैसले के तहत पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया है। सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 8 रुपए प्रति लीटर तो वहीं डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कटौती का ऐलान किया है।

सरकार से इस फैसले से पेट्रोल की कीमत में जहां प्रति लीटर 9.5 रुपए, तो डीजल कीमत में 7 रुपए की कमी आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर मोदी सरकार के इस बड़े फैसले की जानकारी दी। सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर सालाना करीब 1 लाख करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा।
एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए सरकार के इस अहम फैसले की जानकारी वित्त मंत्री ने दी। वित्त मंत्री के मुताबिक विश्व अभी बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है। एक ओर जहां दुनिया कोरोना महामारी से रिकवरी का प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर रूस-यूक्रेन संकट से बहुत सारे सामानों की कमी के साथ आपूर्ति में भी दिक्कतें आ रही हैं। इसी वजह से कई देशों में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, साथ ही आर्थिक तनाव भी देखने को मिल रहा है।
सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के ग्राहकों को इस साल 12 सिलेंडर पर सब्सिडी देने का फैसला किया है। सरकार प्रति सिलेंडर 200 रुपए की सब्सिडी देगी। सरकार के इस फैसले से 9 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। इस फैसले से सालाना सरकारी खजाने पर 6100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। सरकार ने यह फैसला गरीब और आम आदमी को राहत देने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत लिया गया है।
सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ICRA यानी आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि महंगाई पर लगाम लगाने की दिशा में यह फैसला स्वागत योग्य है।
मेरा अनुमान है कि मई में रिटेल महंगाई 6.5-7 फीसदी तक रह सकता है। जहां तक फैसले से सरकारी खजाने पर बढ़े बोझ का सवाल है तो उसकी भरपाई दूसरे टैक्स से की जा सकती है।
मेरा मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बावजूद टैक्स आय सरकार के 1.3 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान से पार जा सकता है।
इसके अलावा सरकार ने प्लास्टिक उत्पादों के लिए कच्चे माल और इंटरमीडियरीज पर कस्टम ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि ऐसे उत्पादों पर भारत की आयात निर्भरता बहुत ही अधिक है। सरकार के इस फैसले से बनने वाले उत्पादों की लागत में कमी आएगी। साथ ही सरकार ने आयरन और स्टील के कच्चे माल और इंटरमीडियरीज पर कस्टम ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। इसके अलावा कुछ स्टील उत्पादों के निर्यात पर लगने वाले टैक्स में भी छूट देने का फैसला किया है।
इसके अलावा सरकार ने सीमेंट की उपलब्धता बढ़ाने पर भी जोर दिया है और इस दिशा में स्थिति सुधार करने के लिए कई कदम भी उठा रही है। सरकार बेहतर लॉजिस्टिक्स सुविधा मुहैया कराकर सीमेंट की लागत में कमी लाने का प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि सरकार जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने गरीब और मिडिल क्लास की मदद के लिए कई कदमों का ऐलान किया है। साथ ही सरकार ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में औसत महंगाई पिछली सरकारों के मुकाबले कम ही रही है। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बावजूद सरकार जरुरी चीजों की कमी नहीं हो, यह सुनिश्चितकरने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि अप्रैल में थोक महंगाई और रिटेल महंगाई पिछले कुछ सालों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। इस पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भी सरप्राइज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। (शेयर मंथन, 21 मई, 2022)

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