मार्च से मजबूती आनी शुरू हो सकती है
पी के अग्रवाल, प्रेसिडेंट (रिसर्च), बोनांजा पोर्टफोलिओ
साल 2008 काफी असाधारण रहा है। ऐतिहासिक वित्तीय संकट ने समूचे विश्व पर असर डाला है। इस संकट ने साल 2008 की शुरुआत में बनी उन आशाओं को चकनाचूर कर दिया कि साल अमेरिकी सबप्राइम संकट के असर से भारत बचा रहेगा। जैसे-जैसे संकट गहराता गया और इसकी परतें खुलती गयीं, वैसे-वैसे यह असलियत सामने आती गयी कि ऐसी वैश्विक घटनाओं से भारत अछूता नहीं रह सकता।