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भारतीय कंपनियाँ हो सकती थीं चीन के अधिग्रहण का शिकार

भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नीति में संशोधन करते हुए भारत की सीमा से सटे हुए देशों से स्वचालित तरीके (ऑटोमैटिक रूट) से एफडीआई को रोक दिया है। अब इन देशों से कोई भी एफडीआई निवेश भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद ही किया जा सकेगा। एफडीआई नीति में इस बदलाव और खास कर चीन से संभावित खतरे को लेकर कुछ अहम सवालों पर प्रस्तुत है द डायलॉग के संस्थापक काजिम रिजवी का नजरिया।

कोरोना से विश्व अर्थव्यवस्था के उबरने पर ही सँभलेगा कच्चा तेल : नरेंद्र तनेजा (Narendra Taneja)

कच्चे तेल की कीमतें अब 20 डॉलर प्रति बैरल के भी नीचे फिसल चुकी हैं और डब्लूटीआई क्रूड का भाव करीब 15 डॉलर पर आ गया है। खबरें तो यह भी आने लगीं कि इसकी दो डॉलर की बोलियाँ भी लगने लगी हैं, हालाँकि बोली लगने का मतलब यह नहीं होता कि उसी भाव पर सौदा भी हो। आगे तेल के बाजार का हाल कब तक बेहाल रहेगा, इस बारे में अपने विचार रख रहे हैं जाने-माने ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex) में हुई बढ़ोतरी

देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) या फॉरेक्स (Forex) में दस अप्रैल को खत्म हफ्ते में वृद्धि दर्ज की गयी है।

चीन की ओर से संभावित अधिग्रहणों को रोकने के लिए बदली गयी एफडीआई नीति (FDI Policy)

भारतीय शेयर बाजार में चल रहे निचले भावों के चलते कहीं चीन भारतीय कंपनियों को खरीदना न शुरू कर दे, इस आशंका को रोकने के लिए भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति (FDI Policy) में संशोधन कर दिया है।

आरबीआई (RBI) ने अचानक घटायी रिवर्स रेपो दर, नकदी बढ़ाने के भी उपाय

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने देश के बैंकों को ज्यादा ऋण जारी करने की ओर प्रेरित करने के लिए रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) में कटौती कर दी है।

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