
कारोबारी हफ्ते के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी बढ़ने से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। भारतीय रुपया 2 महीने के निचले स्तर पर रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तीसरी तिमाही की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावनाओं से बाजार पर दबाव बढ़ा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में बांड खरीद कार्यक्रमों को घटाये जाने की संभावना बढ़ने से भी बाजार फिसला। सितंबर 2013 के बाद आज बाजार में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट दर्ज की गयी।
सेंसेक्स (Sensex) 21,000 और निफ्टी (Nifty) 6200 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुए।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 426 अंक यानी 2.02% की गिरावट के साथ 20,707 पर रहा। निफ्टी (Nifty) 131 अंक यानी 2.09% गिर कर 6136 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 2.86% की गिरावट रही। बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 2.82% और बीएसई स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 2.64% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से रियल्टी और बैंकिंग क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। सेंसेक्स 21,000 और निफ्टी 6200 के स्तर से नीचे खुले। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। दोपहर के कारोबार में गिरावट बढ़ी। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट बढ़ती चली गयी। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार तेजी से लुढ़का। इस दौरान सेंसेक्स 20,688 और निफ्टी 6130 पर दिन के निचले स्तरों तक फिसल गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में लाल निशान पर ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 6.82% का घाटा हुआ। बैंकिंग में 3.97%, धातु में 3,81%, ऑटो में 3.33%, पावर में 3.01%, कैपिटल गुड्स में 2.70%, तेल-गैस में 2.37%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.90% और टीईसीके में 1.16% की गिरावट रही। हेल्थकेयर में 0.90%, आईटी में 0.64% और एफएमसीजी में 0.18% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2014)
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