गुरुवार 07 जनवरी 2016 को भारतीय शेयर बाजार फिर बुरी तरह फिसल गया और सोमवार 04 जनवरी की कहानी एक बार फिर से दोहरा दी गयी, जिसके चलते सेंसेक्स 25,000 के नीचे आ गया।
आज एक बार फिर चीन के बाजार में मची उथल-पुथल से तमाम वैश्विक बाजारों को झटका लगा और उसका तीखा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी नजर आया। जिस तरह 04 जनवरी को चीन में बाजार के बुरी तरह गिरने की वजह वहाँ कारोबार (ट्रेडिंग) रोकने की नौबत आ गयी थी, वैसा ही आज एक बार फिर से हुआ।
चीन ने फिर से अपनी मुद्रा युआन का अवमूल्यन (डेप्रिसिएशन) किया है, जिससे इसका शेयर बाजार बुरी तरह टूटा और दिन के बाकी हिस्से के लिए कारोबार रोकने की नौबत आ गयी। इस हफ्ते यह दूसरा मौका है जब चीन के शेयर बाजार में कारोबार रोकना पड़ा। कारोबार रोके जाने से पहले शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) 245.96 अंक या 7.32% टूट चुका था। चीन की इस उथल-पुथल का असर बाकी एशियाई बाजारों पर भी दिखा।
बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) पिछले बंद स्तर 25,406.33 की तुलना में 25,224.70 पर खुला और उसके बाद पूरे सत्र में कमजोर बना रहा। इसने 25,000 का स्तर भी तोड़ दिया और नीचे 24,825.70 तक फिसला। अंत में यह इस निचले स्तर के पास ही 554.50 अंक या 2.18% की भारी गिरावट के साथ 24,851.83 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) भी 172.70 अंक या 2.23% की चोट खा कर 7,568.30 पर बंद हुआ।
छोटे-मँझोले शेयर भी बुरी तरह फिसले। बीएसई मिडकैप में 2.61% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.87% की जबरदस्त गिरावट आयी। इसी तरह एनएसई में भी निफ्टी मिडकैप 100 ने 2.83% और निफ्टी स्मॉल 100 ने 3.78% का भारी नुकसान दिखाया।
गिरावट का आलम यह था कि सेंसेक्स के 30 में से 30 और निफ्टी 50 के 50 में से सारे 50 शेयर लाल निशान में रहे। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा तीखी मार बीएचईएल, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, ऐक्सिस बैंक, मारुति और ओएनजीसी पर पड़ी। (शेयर मंथन, 07 जनवरी 2016)
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