टेलीकॉम क्षेत्र के नियामक टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मोबाइल फोन पर बातचीत बीच में कट जाने यानी कॉल ड्रॉप (Call Drop) की स्थिति में टेलीकॉम कंपनियों पर हर्जाना लगाने का ऐलान कर दिया है। टीआरएआई ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर दिये हैं। कॉल ड्रॉप पर यह हर्जाना 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। कंपनियों को प्रति कॉल ड्रॉप अपने ग्राहकों को एक रुपये का हर्जाना देना होगा, हालाँकि एक दिन में हर्जाने की अधिकतम सीमा प्रति ग्राहक तीन रुपये रखी गयी है।
हालाँकि टेलीकॉम कंपनियों ने इस दिशानिर्देश का विरोध भी शुरू कर दिया है। इन कंपनियों का कहना है कि किसी भी कॉल के पूरा होने में आम तौर पर दो-तीन पक्ष होते हैं, जैसे कि कॉल किस नेटवर्क से शुरू हुई, किस टावर कंपनी के माध्यम आगे गयी और किस नेटवर्क पर पूरी हुई। इसमें यह तय करना संभव नहीं है कि किसकी चूक की वजह से कॉल ड्रॉप हुई और हर्जाना किसे भरना चाहिए। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि कॉल ड्रॉप की समस्या विभिन्न आदेशों की वजहों से टावरों की संख्या में काफी कमी आ जाने का नतीजा है, जिसके लिए ये कंपनियाँ जिम्मेदार नहीं हैं।
टीआरएआई के ताजा निर्देशों के मुताबिक मोबाइल कंपनियों को हर कॉल ड्रॉप के चार घंटे के भीतर ग्राहक को एसएमएस भेज कर उनके खाते में जाने वाली हर्जाने की राशि की सूचना देनी होगी। पोस्टपेड ग्राहकों को उनके मासिक बिल में हर्जाने के तौर पर मिली राशि का विवरण दिखेगा।
अधिकतम तीन कॉल ड्रॉप के आधार पर एक ग्राहक को महीने में कॉल ड्रॉप के चलते 90-93 रुपये का हर्जाना मिल सकता है। मोबाइल कंपनियों को वॉयस सेवाओं से मिलने वाली प्रति ग्राहक औसत आय (एआरपीयू) की तुलना में हर्जाने की यह राशि काफी महत्वपूर्ण है। लिहाजा यह माना जा रहा है कि मोबाइल कंपनियाँ इस आदेश का विरोध टेलीकॉम ट्रिब्यूनल में कर सकती हैं।
आज सुबह से प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों में कमजोरी का रुझान बना हुआ है। भारती एयरटेल (Bharti Airtel) का शेयर बीएसई में दोपहर करीब 1.145 बजे 6.45 रुपये या 1.84% के नुकसान के साथ 345 रुपये पर है। आइडिया सेलुलर (Idea Cellular) 4.25 रुपये या 2.79% की गिरावट दिखाते हुए 148.35 रुपये पर चल रहा है। हालाँकि दूसरी ओर रिलायंस कम्युनिकेशंस में 3.00 रुपये या 3.84% की अच्छी मजबूती नजर आ रही है और यह 81.15 रुपये के भाव पर है। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2015)
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