कच्चे तेल की कीमतों के गिरावट के साथ खुलने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतें गिरावट के साथ खुल कर 4,070-4,120 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुई है क्योंकि कोविड-19 महामारी के सबसे बुरे दौर से हाल ही में दर्ज तेजी के बाद माँग को लेकर मिले-जुले संकेतों के बीच बाजार ऊहापोह में रहा।
अमेरिकी मुद्रास्फीति के 40 साल के उच्च स्तर पर पहुँने के बाद बढ़ती कीमतों के कारण माँग में कमी आने की आशंका से तेल की जोरदार तेजी पर रोक लग गयी।
2020 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 20% की गिरावट हुई है क्योंकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन से वैश्विक अर्थव्यवस्था का बहुत अधिक नुकसान होने से ईंधन की माँग कम हो गयी।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,890 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 3,810 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,340 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है साथ 3,150 रुपये स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,270 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,080 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,170 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,980 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
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संवत 2081 में पूरे साल बाजार थका रहा, पर बीतते-बीतते यह संवत एक नया जोश देते हुए जा रहा है। अभी हाल तक बाजार में सभी यह चर्चा कर रहे थे कि पिछली दीपावली से इस दीपावली तक तो बाजार में नुकसान ही है, या पैसे नहीं बने।
आम लोग खुश हैं कि जीएसटी कम होने से चीजें सस्ती होंगी। महँगाई दर घटने वाला सस्तापन नहीं, असल में आपको पहले से कम पैसे खर्च करके सामान मिलेंगे। और सस्ता होने वाले सामानों की सूची बहुत लंबी है, अमीर-गरीब सबको फायदा मिलने जा रहा है।