यह सत्यम नहीं, और सुंदरम तो बिल्कुल नहीं
राजीव रंजन झा
सत्यम कंप्यूटर आज एक अराजक कंपनी बन चुकी है। इसकी बागडोर ऐसे प्रबंधन के हाथों में है, जिसके पास कंपनी की महज 5% या उससे भी कम हिस्सेदारी है और बाकी निवेशकों का विश्वास यह प्रबंधन पूरी तरह खो चुका है। इसके बावजूद ऐसा जान पड़ता है कि यह प्रबंधन किसी भी तरह की जोड़-तोड़ से खुद को बचाये रखने की अंतिम कोशिशों में लगा है। अब यह साफ हो चुका है कि इस प्रबंधन ने न केवल अपने निवेशकों से, बल्कि खुद अपने निदेशक बोर्ड से कंपनी के बड़े-बड़े सत्यों को छिपाये रखा।