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इस पट्टी से निकले बिना नहीं सँभलेगा निफ्टी (Nifty)

राजीव रंजन झा : बाजार में गिरावट का यह दौर शुरू होने के ठीक एक महीने बाद 04 फरवरी को बाजार ने वापस सँभलने की एक पुरजोर कोशिश की थी।

लेकिन उस दिन निफ्टी 5556 से आगे जाने में नाकाम रहा और उसके बाद बाजार लगातार कमजोर होता ही दिखा है। कल इसने 5200 का स्तर भी छू लिया, 5197 की तलहटी बनी। निफ्टी 05 नवंबर 2010 के ऊपरी स्तर 6339 से 18% और इस साल 04 जनवरी के ऊपरी स्तर 6181 से करीब 16% टूट चुका है। इतनी गिरावट के बाद अब कुछ जानकारों को लगने लगा है कि बाजार को कहीं-न-कहीं तो थमना ही चाहिए। तो क्या आज बाजार वह वापस उछाल लेगा? इस बात की संभावना जरूर बनती है। इसी बुधवार की सुबह मैंने निफ्टी को कई सालों से सहारा देती रुझान रेखा के बारे में कहा था कि यह उम्मीद की आखिरी किरण है। (देखें http://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/11673-column-rajeev-ranjan-jha-20110209)
यह रुझान रेखा जुलाई 2008 की तलहटी 3790, अगस्त 2009 की तलहटी 4353 और मई 2010 की तलहटी 4786 को मिलाती है। कल का निचला स्तर इस रुझान रेखा को बिल्कुल छू गया। साल 2004 से ही बाजार को सहारा देती रेखा इस बार भी अच्छा सहारा बनेगी, यह उम्मीद रखी जा सकती है।
लेकिन इसके साथ ही चार्ट पर 04 जनवरी से बनी गिरती पट्टी पर भी नजर रखें। अगर निफ्टी करीब 5200 पर सहारा लेकर पलटे, तो भी मोटे तौर पर 5400 तक यह इस पट्टी के अंदर ही रहेगा। जब तक निफ्टी इस गिरती पट्टी से न निकले, तब तक बाजार की दिशा नहीं बदलेगी। और अगर मानें कि 5198 पर एक तलहटी बनी है तो 6181 से 5198 तक गिरावट की 23.6% वापसी 5429 पर होगी। नयी तलहटी जहाँ भी बने, 6181 से वहाँ तक गिरावट की 23.6% और 38.2% वापसी के स्तरों को पार किये बिना बाजार पलटने का भरोसा नहीं किया जा सकता।
ध्यान रखें कि अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली रुकी नहीं है। बाजार के वापस पलटने के लिए एफआईआई की बिकवाली थमनी जरूरी होगी। इसके बिना हर उछाल को शक की नजर से ही देखना होगा। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 11 फरवरी 2011)

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