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आरबीआई (RBI) के फैसले से पहले बाजार में उछाल?

Rajeev Ranjan Jhaराजीव रंजन झा : बीते हफ्ते बुधवार 17 अक्टूबर की सुबह मैंने लिखा था कि बाजार पलटे तो अचरज नहीं, गिरे तो खरीदें। लेकिन अब तक बाजार न तो गिरा, न ही कुछ खास पलटा है।
बेशक निफ्टी 5630 के करीब से सहारा लेकर कई बार थोड़ा-थोड़ा पलटा है, लेकिन अब भी इसे एक दायरे के भीतर ही माना जा सकता है। बुधवार से पहले भी मैंने 11 अक्टूबर की सुबह लिखा था कि “अभी उम्मीदों के तार 5650-5630 के दायरे से बंधे हैं। यह दायरा टूटा तो निफ्टी के कम-से-कम 5527 तक फिसलने की संभावना बन जायेगी।” संयोग देखें कि 17 अक्टूबर की सुबह भी निफ्टी 5634 के निचले स्तर से सँभल गया। 
लेकिन सँभलने का मतलब यह नहीं कि इसे ज्यादा बढ़त मिल गयी। गुरुवार को 5723 तक, शुक्रवार को 5712 तक, और कल सोमवार को 5722 तक ही। बस। इससे ज्यादा आगे नहीं जा पा रहा है निफ्टी। कुछ जानकार कह रहे हैं कि बाजार में तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच एक संतुलन जैसा बन गया है। इसीलिए बाजार न ऊपर जा रहा है, न नीचे फिसल रहा है। जूते का एक विज्ञापन याद आता है, जिसमें हीरो भाग नहीं रहा, भगा रहा है। बाजार थका नहीं है, थका रहा है। 
याद करें सितंबर का अंतिम हफ्ता। उस समय भी निफ्टी यहीं 5700-5650 के इर्द-गिर्द घूम रहा था। तब सोमवार 24 सितंबर की सुबह मैंने लिखा था कि “बाजार को अभी नीचे जाने का मन नहीं है। लेकिन इस समय बाजार में सबको पता चल गया है कि रुझान सकारात्मक है। सबको पता है कि निफ्टी शायद 5900-6000 तक जाने वाला है। जनाब, शेयर बाजार में मुनाफा किसी मंदिर का प्रसाद है क्या जो सबको बँट जायेगा! हाँ, मैंने भी शुक्रवार की सुबह लिखा कि दशहरा-दीवाली तक निफ्टी 6000 के ऊपर जा सकता है। लेकिन क्या बाजार इतनी आसानी से आपके हाथ में लड्डू रख देगा?”
बाजार तभी ऊपर जायेगा जब ज्यादातर लोग ऐसी संभावना पर शक जता रहे होंगे। महीने भर पहले बाजार में कोरस बन गया कि निफ्टी 6000 तक जा रहा है। यह कोरस शुरू होते ही बाजार थम गया। अब तक वहीं थमा है। अब यह कोरस थम गया है। अब लोग 6000 की बातें नहीं कर रहे हैं। कर भी रहे हैं तो हल्के स्वर में। इसलिए अब वह स्थिति बन रही है, जहाँ से बाजार एक नयी चाल पकड़ सके। 
Nifty Chart
 
करीब महीने भर से निफ्टी 5630-5730 के महज 100 अंक के छोटे दायरे में अटका है। बेशक, यह 4 और 5 अक्टूबर को 5800 के ऊपर भी दिखा था, लेकिन टिका नहीं। इन 2 दिनों को नजरअंदाज कर दें तो हमें वही 100 अंक का दायरा मिलता है महीने भर से। इतने छोटे दायरे में फँसने पर निफ्टी बेचैन हो जाता है। तब वह किसी एक तरफ भागता है – धनुष से छूटे तीर की तरह। तीर छूटने का समय करीब दिख रहा है। 
यह तीर किधर छूटेगा, इसका जवाब देना तो अटकलबाजी ही है। लेकिन अब तक जो दिख रहा है, उसके हिसाब से तीर ऊपर की ओर छूटने की संभावना ज्यादा है। अगर इसे नीचे जाना होता तो सोमवार की सुबह इसके पास बहानों की कमी नहीं थी। ज्यादातर लोग डर रहे थे कि निफ्टी के चार्ट में 5630 टूटने पर सिर और कंधे (हेड एंड शोल्डर) की संरचना में नीचे की तरफ की चाल बन जायेगी। लेकिन कल 5630 के पास जाना तो दूर रहा, 5660 के पास से ही पलट गया, 5658 इसका कल का निचला स्तर रहा। 
अगर 5 सितंबर की तलहटी 5216 से हाल में 5 अक्टूबर के शिखर 5816 की वापसी देखें तो वास्तव में निफ्टी 5 अक्टूबर के बाद से अब तक 5216-5816 की 23.5% वापसी की रेखा के ही ऊपर-नीचे झूल रहा है। इसने 5216-5816 की 38.2% वापसी के स्तर 5587 तक भी जाने की कोशिश नहीं की है। इससे स्पष्ट है कि अभी इसे नीचे जाने का मन नहीं है। 
इसके अलावा 5 अक्टूबर के बाद से अब तक 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) देखें तो निफ्टी लगातार इन दोनों के नीचे चलता रहा, लेकिन अभी 18 अक्टूबर को इन दोनों के ऊपर लौटा। हालाँकि शुक्रवार को यह एक बार फिर इनके नीचे लौटा, लेकिन सोमवार को फिर से इन दोनों के ऊपर आ गया। यह एक पूर्व-संकेत हो सकता है कि निफ्टी नयी चाल के लिए खुद को तैयार कर रहा है। ऐसी नयी चाल का पहला संकेत तब मिलेगा, जब निफ्टी 5730 को पार करे। ध्यान दें कि 9 अक्टूबर से अब तक निफ्टी 5 बार 5720-5730 के बीच से नीचे फिसल गया। लिहाजा छोटी अवधि में पहली बाधा 5720-5730 के दायरे में ही है। इसके बाद लोगों की नजर 5750 पर होगी, पर मेरी नजर 5816 पर ही होगी। 
लेकिन याद रखें कि निफ्टी के चार्ट पर 2 अधूरे काम बाकी बचे हैं। इसने 14 सितंबर को 5447-5527 के दायरे में एक ऊपरी अंतराल (बुलिश गैप) बनाया था। इसलिए एक बकाया काम इस अंतराल को भरना है। दूसरा बकाया काम है पिछले कुछ महीनों से चल रही पट्टी की निचली रेखा को छूना। अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस पट्टी की ऊपरी रेखा को छूने के बाद इसे कायदे से निचली रेखा की ओर बढ़ना चाहिए था। अब तक यह ऐसा करने का इच्छुक नहीं दिख रहा, लेकिन यह एक अधूरा काम तो है ही चार्ट पर। इसलिए किसी उतार-चढ़ाव में 5630 और फिर 5587 टूटने पर निफ्टी इन अधूरे कामों को निपटाने की कोशिश कर सकता है। लिहाजा इन स्तरों को लेकर सावधानी जरूरी है। 
कल बाजार को सँभालने में अच्छे नतीजों का योगदान रहा। साथ में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से भी खरीदारी लौटती दिखी। पिछले हफ्ते एफआईआई ठंडे पड़ते नजर आ रहे थे। वहीं इस महीने के अंत में 30 अक्टूबर को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कर्ज नीति को लेकर बाजार कुछ उम्मीदें बाँध सकता है। और इन सबके साथ हमें निफ्टी की मौजूदा पट्टी की ऊपरी सीमा अक्टूबर के अंत में 5900 के पास दिख रही है। तो क्या यह कयास लगाया जाये कि ये सब सकारात्मक बातें निफ्टी को अक्टूबर के अंत में 5900 के करीब ले जा कर छोड़ देंगी? इस संभावना में दम है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2012)

Comments 

shubham shankdhar
0 # shubham shankdhar 2012-10-23 08:56
Bazaar ke man ko bhaapne ki achook kala wo bhi anokhe andaj aur bejod tathyon ke sath. :)
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