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बदला है रुझान या फिर छकाया है बाजार ने?

राजीव रंजन झा : शुक्रवार को जिस तरह से भारतीय शेयर बाजार ने कमजोरी दिखायी थी, उससे लग रहा था कि छोटी अवधि के लिए बाजार अपना रुझान बदल रहा है।

भले ही शुक्रवार को कोई ज्यादा बड़ी गिरावट नहीं थी, लेकिन इसने रुझान बदलने वाले कई महत्वपूर्ण संकेत दिये थे। लेकिन आज सोमवार की सुबह अच्छे अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच इसने अच्छी वापसी भी की है। ऐसे में छोटी अवधि में बाजार की दिशा को लेकर आज का कारोबार काफी मायने रखेगा।
आज यह देखना काफी महत्वपूर्ण यह रहेगा कि क्या निफ्टी 6000 के ऊपर टिके पाने में कामयाब रहता है? इस समय यह एक बड़ा मनोवैज्ञानिक स्तर है, जिसके नीचे फिसलने पर बिकवाली का दबाव बढ़ना बड़ा स्वाभाविक होगा। लेकिन तकनीकी नजरिये से देखें तो शुक्रवार का निचला स्तर 5983 नहीं टूटने पर बाजार को एक राहत मिलेगी।
लेकिन वापस सँभलने के रुझान पर भरोसा करने के लिए कुछेक खास बातों का ध्यान रखना होगा। पहले तो इस बात पर भी नजर रखनी होगी कि दिसंबर 2012 के मध्य से अब तक बाजार जिस दायरे में चलता रहा था, उसकी निचले सिरों को मिलाती रुझान रेखा के ऊपर लौटने में निफ्टी कामयाब हो पाता है या नहीं। यह रेखा आज 6030-603535 के आसपास है। लगभग वहीं 6040 का स्तर भी है, जो हाल में कारोबारियों के मन में एक महत्वपूर्ण स्तर के रूप में बैठ गया है।
आपको याद दिला दूँ कि 23 जनवरी 2013 को मैंने लिखा था, “अगर 6040 के नीचे कमजोरी दिखे तो उसके बाद करीब 6000 इसका अगला पड़ाव होगा और उसके नीचे 5940 पर नजर रहेगी।” निफ्टी ने 6000 से नीचे का स्तर तो देख लिया, लेकिन 5940 की ओर फिसलने से पहले ही सहारा लेता दिख रहा है।
दरअसल दिसंबर के मध्य से अब तक निफ्टी के दैनिक चार्ट पर जो संरचना बनी है, उसे कई विश्लेषक ऊपर जाती या चढ़ती खूँटी (राइजिंग वेज) मानते रहे हैं। इसमें शुरुआती दायरा बड़ा होता है जो आगे छोटा होता जाता है। ऊपर जाती खूँटी में लगातार ऊपरी शिखर और ऊपरी तलहटी की संरचना बनती रहती है, इसलिए बाजार का रुझान सकारात्मक लगता रहता है। लेकिन इस संरचना से नीचे फिसलते ही बाजार में गिरावट आ जाती है। बीते शुक्रवार को ऐसा ही लगा था कि निफ्टी इस संरचना की निचली रेखा से नीचे फिसल गया है।
हालाँकि 23 जनवरी को मैंने लिखा था कि “इस खूँटी-नुमा संरचना को मैं पक्के भरोसे से नहीं देख पा रहा, क्योंकि अगर नीचे हम दिसंबर-जनवरी के निचले स्तरों को मिलाती रेखा खींचें और ऊपर 19 दिसंबर के शिखर से 7 जनवरी के शिखर को मिलाती रेखा खींचें तो यह संरचना ऊपर चढ़ती छोटी पट्टी की लगती है, खूँटी की नहीं।”
लेकिन अगर इसे चढ़ती पट्टी के तौर पर भी देखें तो शुक्रवार की गिरावट ने निफ्टी को इस पट्टी की निचली रेखा के नीचे ला दिया था। इसका असर भी नकारात्मक ही होना था। अब बाजार की अगली दिशा का दारोमदार इस बात पर है कि यह दिसंबर से अब तक के निचले स्तरों को मिलाती रेखा के ऊपर लौट कर कितना टिक पाता है। आप इसे चढ़ती पट्टी की निचली रेखा मानें या राइजिंग वेज की निचली रेखा, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
अगर निफ्टी ने आज या अगले दिन 6053 का स्तर पार कर लिया, तो यह बाजार के वापस सँभलने का एक अगला संकेत होगा। ऐसी स्थिति में पिछले कुछ दिनों से बन रही निचले शिखर और निचली तलहटी की संरचना कटेगी, जो बाजार के लिए सकारात्मक होगा। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 04 फरवरी 2013)

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