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छोटी अवधि में बदली तो है बाजार की दिशा

राजीव रंजन झा : शुक्रवार की कमजोरी के बाद कल सुबह बाजार वापस सँभलने के संकेत दे रहा था।

इन संकेतों के बीच मैंने लिखा था कि वापस सँभलने के रुझान पर भरोसा करने के लिए पहले तो इस बात पर भी नजर रखनी होगी कि दिसंबर 2012 के मध्य से अब तक बाजार जिस दायरे में चलता रहा था, उसके निचले सिरों को मिलाती रुझान रेखा के ऊपर लौटने में निफ्टी कामयाब हो पाता है या नहीं। कल निफ्टी शुरुआती कारोबार में कुछ मजबूती दिखाने के बावजूद इस रेखा तक नहीं लौट पाया और उससे पहले ही बिकवाली की चपेट में आ कर नीचे फिसल गया। इसके लिए आप चाहें तो यूरोपीय बाजारों की कमजोरी को कसूरवार मान सकते हैं।
खैर, निफ्टी एक बार 6000 के नीचे भले ही लौट आया हो, लेकिन इसने शुक्रवार के निचले स्तर 5983 के पास ही फिर से सहारा भी लिया। कल इसका निचला स्तर 5981 रहा। हालाँकि इसका बंद स्तर भी इसके पास ही 5987 पर रहा, इसलिए आज सुबह अगर यह 5981 के नीचे फिसला तो इसे गिरावट जारी रहने का संकेत मान लिया जायेगा। गिरावट थमने का एक बेहतर संकेत तभी मिलेगा, जब यह शुक्रवार के ऊपरी स्तर 6053 को पार करके टिक सके, लेकिन आज कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच ऐसा मुश्किल ही लगता है।
जनवरी 2013 के अंतिम हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार का उत्साह हल्का होता दिखा और फरवरी के शुरुआती कारोबार में यह कुछ कमजोर होता दिख रहा है। लेकिन क्या यह मान लिया जाये कि कम-से-कम छोटी अवधि के लिए बाजार ने अपनी दिशा बदल ली है? आम तौर पर छोटी अवधि की दिशा को समझने में 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज बड़े काम आते हैं। फिलहाल, 4 फरवरी को बाजार बंद होने के बाद यह दिख रहा है कि निफ्टी अपने इन दोनों स्तरों से नीचे फिसल चुका है। अभी इसका 10 एसएमए 6040 पर और 20 एसएमए 6028 पर है। चाहें तो थोड़ी राहत इस बात से महसूस कर सकते हैं कि 10 एसएमए अभी 20 एसएमए के ऊपर ही है, लेकिन मुझे लगता है कि जैसे ही सूचकांक इन दोनों के नीचे आ जाये तो इसे रुझान बदलने की चेतावनी मान लेना चाहिए। वैसे मैं नहीं जानता कि शास्त्रीय तकनीकी विश्लेषण में ऐसा माना जाता है या नहीं।
जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में अचानक बाजार में कुछ डर का माहौल भी बना है। हाल में बड़ी संख्या में मँझोले शेयर मंदड़िया बिकवाली की चपेट में आये, जिसे कई जानकारों ने बाजार के लिए खतरनाक संकेत माना। एक नजरिया यह उभर रहा है कि हाल में हमने 29 जनवरी 2013 को 6112 का जो ऊपरी स्तर देखा, वह छोटी अवधि का एक शिखर है, जहाँ से बाजार पलट गया है।
एक नजरिये से यह माना जा सकता है कि 6112 पर छोटी अवधि का एक शिखर बना है। लेकिन इस शिखर से निफ्टी की वापसी कितनी गहरी होगी? यह 4 फरवरी को 5981 तक फिसला, जो नवंबर 2012 की तलहटी 5548 से 6112 के ताजा शिखर की 23.6% वापसी के स्तर 5979 के एकदम पास है। अगर यह स्तर सहारा दे पाया तो ठीक, वरना 38.2% वापसी यानी 5897 और 50% वापसी यानी 5831 इसके अगले पड़ाव हो सकते हैं।
संयोग देखिए कि छोटी अवधि के चार्ट पर 23.6% वापसी का स्तर ठीक 5979 पर आ रहा है, जो बीते ढाई-तीन साल की अवधि में 6339 से 4531 तक की गिरावट की 80% वापसी के स्तर 5978 पर ही है। इसलिए अगर निफ्टी इस स्तर के आसपास जरा छका कर अगर सँभल जाये तो ताज्जुब नहीं। लेकिन इस स्तर से ज्यादा नीचे फिसलने पर बिकवाली का दबाव बढ़ने की संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए। खास कर अगर हाल में 11 जनवरी की तलहटी 5941 कट जाये तो कमजोरी बढ़ेगी। वहीं 5548-6112 की संरचना में 38.2% वापसी का स्तर 5897 कटने पर न केवल 50% के स्तर 5831, बल्कि 61.8% के स्तर 5764 तक फिसलने की भी गुंजाइश दिखेगी।
दरअसल 5941 का स्तर कटने पर न केवल छोटी अवधि के लिए, बल्कि मध्यम अवधि के लिए भी बाजार की चाल को खतरा हो सकता है। ध्यान दें कि अभी 50 दिनों का एसएमए 5941 पर ही है। इससे थोड़ा नीचे जाने पर निफ्टी मई 2012 से चल रही चढ़ती पट्टी (राइजिंग चैनल) से नीचे फिसल जायेगा। अगर निफ्टी 50 एसएमए के नीचे चला गया और इस चढ़ती पट्टी से भी नीचे फिसल गया तो यह मध्यम अवधि में कमजोरी का साफ संकेत होगा।
लेकिन हमें भूलना नहीं चाहिए कि अभी निफ्टी जिन स्तरों पर है, वहाँ कदम-कदम पर इसके लिए छोटे-बड़े समर्थन स्तर मौजूद हैं। इसलिए हमें 5548-6112 की उछाल की संरचना पर लगातार नजर रखनी चाहिए। अगर यह 5979 के ऊपर टिकता नजर आये और साथ ही यह 10 एसएमए और 20 एसएमए के ऊपर लौट आये, तो इसे छोटी अवधि की कमजोरी से उबरने का पहला संकेत मानना चाहिए। वहीं अगर यह 6112 के ऊपर निकल जाये तो इसका मतलब यह होगा कि इसने छोटी अवधि में फिर से ऊपर चढ़ने की कोशिश शुरू कर दी है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 05 फरवरी 2013)

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