
अदाणी ग्रुप ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस को और पैना करने के इरादे से एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रुप ने अपनी कंपनी एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस लिमिटेड (पहले अदाणी विल्मर लिमिटेड) में से 20% हिस्सेदारी सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल को बेच दी है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक इस डील की कीमत करीब 7,150 करोड़ रुपये रही और ये लेन-देन 275 रुपये प्रति शेयर की दर से हुआ है।
एफएमसीजी से पूरी तरह बाहर निकलने की तैयारी
दिसंबर 2024 में ही अदाणी ग्रुप ने ये संकेत दे दिया था कि वो एफएमसीजी बिजनेस से पूरी तरह बाहर निकलना चाहता है और अब ये लेन-देन उसी योजना का हिस्सा है। अदाणी ग्रुप की होल्डिंग कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सब्सिडियरी अदाणी कमोडिटीज एलएलपी ने विल्मर इंटरनेशनल की सब्सिडियरी लेंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ ये समझौता किया है।
इस समझौते के तहत दोनों पक्षों को ये विकल्प मिला था कि वो भविष्य में एक-दूसरे से एडब्ल्यूएल में हिस्सेदारी खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन 305 रुपये प्रति शेयर से अधिक कीमत पर नहीं। दोनों कंपनियां पहले एडब्ल्यूएल में बराबर-बराबर यानी 44% हिस्सेदारी रखती थीं। यानी कुल मिलाकर करीब 88% हिस्सेदारी इन दोनों कंपनियों के पास थी।
जनवरी में भी हुआ था हिस्सा बेचने का सौदा
जनवरी 2025 में अदाणी ग्रुप ने सार्वजनिक शेयर होल्डिंग नियमों को पूरा करने के लिए एडब्ल्यूएल में अपनी 13.5% हिस्सेदारी 276.51 रुपये प्रति शेयर की दर से बेच दी थी। इस सौदे के बाद अदाणी ग्रुप की हिस्सेदारी एडब्ल्यूएल में घटकर 30.42% रह गई थी।
अब जो 20% हिस्सेदारी 275 रुपये प्रति शेयर की दर से बेची गई है, उसके बाद अदाणी ग्रुप की हिस्सेदारी और भी घट गई है और विल्मर इंटरनेशनल की हिस्सेदारी बढ़कर 64% हो गई है। यानी अब विल्मर इंटरनेशनल एडब्ल्यूएल एग्री का मेजॉरिटी शेयरहोल्डर बन गया है और अदानी ग्रुप की भागीदारी बहुत सीमित हो गई है।
शेयर खरीदने-बेचने के लिए बना समझौता
अदाणी इंटरप्राइजेज की तरफ से बताया गया है कि ये सौदा शेयर परचेज एग्रीमेंट के तहत किया गया है। इस समझौते में ये तय किया गया है कि लेंस प्राइवेट लिमिटेड कम से कम 11% और ज्यादा से ज्यादा 20% हिस्सेदारी खरीद सकता है। कुल मिलाकर 25,99,35,721 शेयरों (यानी 20%) के लिए ये सौदा 275 रुपये प्रति शेयर की दर से तय हुआ है।
बिजनेस स्ट्रैटेजी में बदलाव का संकेत
अदाणी ग्रुप का ये कदम साफ संकेत देता है कि ग्रुप अब अपने कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस जैसे कि एनर्जी, पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर, और ग्रीन एनर्जी पर ज्यादा ध्यान देना चाहता है। एफएमसीजी एक ऐसी कैटेगरी थी जिसमें अदाणी ग्रुप ने अदाणी विल्मर के जरिए एंट्री ली थी, लेकिन अब उसे छोड़ने का फैसला लिया गया है।
(शेयर मंथन, 17 जुलाई 2025)
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