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बाजार ने लगा ली हैं आरबीआई (RBI) से उम्मीदें, मगर...

राजीव रंजन झा : शुक्रवार 14 जून की सुबह मैंने लिखा था कि “अगर इन समर्थन स्तरों से पलट कर निफ्टी ऊपर की ओर चला तो कहाँ तक चढ़ सकेगा? 
ऐसी किसी उछाल में 5765 इसका पहला स्वाभाविक लक्ष्य हो सकता है, जो अप्रैल 2013 की तलहटी 5477 से 6229 के ताजा शिखर तक की उछाल की 61.8% वापसी का स्तर है। इसके पार होने पर यह उछाल कुछ और आगे बढ़ सकेगी। वैसी हालत में निफ्टी 200 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज को फिर से छूने की कोशिश करेगा, जो अभी 5795 पर है।” शुक्रवार को ही निफ्टी ने इन दोनों लक्ष्यों को हासिल कर लिया। मई में थोक महँगाई दर (WPI) घट कर 4.7% पर आ जाने से पैदा उत्साह ने निफ्टी को 109 अंक उछाल कर 5808 पर ला दिया। सेंसेक्स ने भी 351 अंक की छलांग लगायी और 19000 के ऊपर लौट आया।
कोई पूर्वानुमान लगाने के लिहाज से सोमवार का दिन खतरनाक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो दर (Repo Rate) और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में कटौती करता है या नहीं, इस पर बाजार की अगली चाल का दारोमदार टिका है। शुक्रवार को जिस तरह से उछाल आयी, उससे लगता है कि महँगाई दर घटने की खबर के बाद बाजार ने आरबीआई से काफी उम्मीदें लगा ली हैं। लेकिन इसी बात में एक खतरा भी है। अगर कहीं आरबीआई ने निराश कर दिया तो बाजार जोर से पलटा भी खा सकता है। दूसरी ओर अगर आरबीआई ने दरों में कटौती का फैसला कर लिया, तो इस बात को बाजार काफी हद तक शुक्रवार की उछाल में भुना चुका है। इसलिए सकारात्मक फैसले का असर सीमित ही रह जाये तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।
पर हाँ, इतना जरूर है कि एक हफ्ते पहले शुक्रवार 7 जून के ऊपरी स्तर 5973 से गुरुवार 13 जून की तलहटी 5683 तक 290 अंक की तीखी गिरावट के बाद आयी यह वापस उछाल कुछ और आगे जाने तक की गुंजाइश रखती है। दरअसल बीते शुक्रवार की सुबह ही मैंने लिखा था कि यह वापस उछाल इसके आगे जाने पर 5477-6229 की 50% वापसी के स्तर 5853 पर नजर रखी जा सकती है। लेकिन जैसा मैंने कहा था, इससे ऊपर के स्तरों की बात सोचना अभी जरा मुश्किल लग रहा है। अगर आरबीआई ने अप्रत्याशित रूप से बाजार को कुछ ज्यादा ही खुश कर दिया तो 5853 पार होने के बाद करीब 5900-5950 स्तरों तक की उम्मीद रखी जा सकती है।
यहाँ गौरतलब है कि शुक्रवार को आयी बड़ी उछाल में भी विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बिकवाल ही रहे और 306 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। बेशक घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने उनके मुकाबले कहीं ज्यादा 911 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। लेकिन बाजार में शानदार उछाल वाले दिन भी एफआईआई की बिकवाली आने वाले दिनों में उनकी रणनीति का संकेत देती है। जब तक वापस उनकी खरीदारी शुरू नहीं होती, बाजार में कोई तेजी दमदार ढंग से टिकने की उम्मीद कम रहेगी।
बेहद छोटी अवधि के लिहाज से मेरी नजर निफ्टी पर 5828 पर होगी, जो 5973-5683 की ताजा गिरावट की 50% वापसी का स्तर है। इसके ऊपर जाने पर 5862 और 5915 अगले लक्ष्य होंगे। वहीं इस गिरावट की 38.2% वापसी 5794 के नीचे फिसलने पर 5752 अगले सहारे का काम करेगा, लेकिन उसके नीचे जाना बाजार में कमजोरी गहराने का संकेत होगा।
इसी तरह सेंसेक्स को देखें तो 19711-18766 की ताजा गिरावट की 50% वापसी के स्तर 19238 को पार करने पर 19350 और 19522 के अगले लक्ष्य बनेंगे। वहीं 38.2% वापसी यानी 19127 से नीचे फिसलने पर 18999 यानी मोटे तौर पर 19000 का मनोवैज्ञानिक स्तर प्रमुख सहारा होगा। लेकिन इसके नीचे दोबारा जाने पर बाजार की चाल को लेकर चिंता होगी। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 17 जून 2013)

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