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बाजार को छका दिया राजन साहब ने फिर से

राजीव रंजन झा : यह तो बाजार के लिए दोहरा झटका है। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजारों की कमजोरी के बीच रुपये पर दबाव, और अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ब्याज दरें बढ़ाने का भी फैसला कर दिया।
कहाँ तो बाजार में कुछ लोग यह सोचने लगे थे कि हाल में महँगाई दर में आयी थोड़ी नरमी के बाद आरबीआई को अब ब्याज दरों में कमी करनी चाहिए, और बाकी लोग कह रहे थे कि नहीं, ऐसी उम्मीद करना जल्दबाजी होगी। ज्यादातर लोग मान रहे थे कि इस बार की नीतिगत समीक्षा में आरबीआई अपनी दरें स्थिर बनाये रखेगा। लेकिन आरबीआई ने तो उल्टे ब्याज दर बढ़ा दी, जिसके बारे में बाजार ने बिल्कुल सोचा ही नहीं था।
अपनी 18 दिसंबर 2013 की पिछली नीतिगत समीक्षा में भी आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने सबको चौंकाया था, लेकिन ब्याज दरों में वृद्धि होने की आम राय के विपरीत कोई वृद्धि नहीं करके। तब उन्होंने कहा था कि वे दिसंबर महीने में महँगाई दर घटने की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी उम्मीद के मुताबिक ही दिसंबर महीने में महँगाई दर घटी भी। इसीलिए बाजार यह उम्मीदें लगाये बैठा था कि इस बार ब्याज दरों में वृद्धि तो नहीं ही होगी। लेकिन राजन सबको छका गये!
इसी लिए आरबीआई ने जैसे रेपो दर को 7.75% से बढ़ा कर 8% करने की घोषणा की, बाजार एकदम से टूट गया। निफ्टी सुबह के कारोबार में कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बावजूद हल्की बढ़त के साथ 6150 के कुछ ऊपर-नीचे चल रहा था। लेकिन आरबीआई के फैसले की खबर आते ही चंद मिनटों के भीतर यह 6086 तक फिसल गया। इसने निचले स्तर से सँभलने की एक कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा और अब 6100 के कुछ ऊपर नजर आ रहा है।
लेकिन इस प्रक्रिया में निफ्टी ने दिसंबर 2013 में बनी तलहटी 6130 को तोड़ दिया है, जो तकनीकी रूप से बाजार की संरचना के लिए अच्छा नहीं है। अगस्त 2013 के बाद से निफ्टी पहली बार अपनी पिछली तलहटी के नीचे गया है। वहीं दिसंबर के शिखर 6415 के बाद जनवरी में 6358 पर निचला शिखर भी बन चुका है। इसलिए अब निचले शिखर और निचली तलहटियाँ बनने का नया सिलसिला शुरू होने, यानी छोटी से मध्यम अवधि के लिए बाजार का रुख नकारात्मक हो जाने का अंदेशा बन रहा है।
अगर निफ्टी आने वाले सत्रों में 6130 के नीचे ही बना रहे तो छोटी अवधि में यह नवंबर 2013 में बनी दोहरी तलहटी के स्तर 5972 की ओर फिसल सकता है। दरअसल अगस्त 2013 की तलहटी 5701 से दिसंबर 2013 के शिखर 6415 तक की उछाल की 61.8% वापसी का स्तर इसके पास ही 5974 पर है। हालाँकि इस संरचना में बीच में 50% वापसी के स्तर 6058 पर भी एक सहारा बनता है, लेकिन वह शायद ज्यादा मजबूत साबित नहीं हो।
अगर निफ्टी आने वाले हफ्तों में 5972 से भी नीचे जाने लगे, तो यह बाजार के लिए ज्यादा बड़े खतरे का संकेत होगा। मैंने 17 जनवरी के राग बाजारी में लिखा था कि मौजूदा स्तरों से निफ्टी में लगभग 1000-1100 अंकों की बड़ी गिरावट की संभावना बन सकती है। निफ्टी 5972 के नीचे जाने पर यह खतरा ज्यादा वास्तविक लगने लगेगा। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 28 जनवरी 2014)

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