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नये रिकॉर्ड पर बाजार, बाकी है तेजी या पलटेगी चाल?

राजीव रंजन झा : सेंसेक्स (Sensex) लगभग 22,000 को छू चुका है और निफ्टी (Nifty) 6500 पार कर चुका है।

यहाँ एक नजरिया यह हो सकता है कि इसने अपना तात्कालिक लक्ष्य पा लिया है और अब इसे पलटना चाहिए। लेकिन दूसरी नजर से देखें तो इसने छह सालों से चली आ रही बाधा को पार किया है, लिहाजा यह उछाल काफी बड़ी होनी चाहिए।

मैंने मासिक पत्रिका निवेश मंथन के जनवरी 2014 के अंक में लिखा था, 'निफ्टी का मासिक चार्ट भी दिखाता है कि यह एक चढ़ती पट्टी में है, यानी लंबी अवधि का सकारात्मक रुझान कायम है। इस पट्टी की ऊपरी रेखा 6,500-6,600 के लक्ष्य दिखाती है। मगर इस ऊपरी रेखा पर अटकने और वहाँ से पलटने की संभावना पर नजर रखनी होगी, क्योंकि ऐसा होना निफ्टी में करीब 500 अंक तक की गिरावट का कारण बन सकता है।' यह दिसंबर 2013 के शिखर 6415 से फरवरी की तलहटी 5933 तक 482 अंक गिरा।

वह बात तो सही रही, लेकिन निवेश मंथन के फरवरी अंक में मैंने 1000-1100 अंक तक की गिरावट की जो संभावना जतायी थी, वह गलत हो गयी। गनीमत है! मैंने पिछले अंक में लिखा था कि 'अगर निफ्टी आने वाले हफ्तों में 5972 से भी नीचे जाने लगे तो यह बाजार के लिए ज्यादा बड़े खतरे का संकेत होगा।' फरवरी के पहले हफ्ते में निफ्टी 5972 से नीचे गया, लेकिन 5933 पर एक तलहटी बना कर तेजी से वापस पलट गया। तो क्या मैं जिस बड़े खतरे की बात कर रहा था, वह टल गया है?

निफ्टी के मासिक चार्ट पर जिस चढ़ती पट्टी का जिक्र मैंने किया था, उसमें यह दिसंबर में पट्टी की ऊपरी रेखा को छूने के बाद नीचे की ओर पलटा। इसलिए संभावना बनती थी कि  यह इस पट्टी की निचली रेखा की ओर बढ़े। इसने ऐसा रुझान दिखाया भी, लेकिन बीच रास्ते से फिर पलट गया। कई बार ज्यादा चौड़ी पट्टियों में ऐसा देखा जाता है कि ऊपरी रेखा से पलटने के बाद सीधे निचली रेखा पर चले जाने के बदले पट्टी के मध्य में ही कहीं सहारा मिल जाये। इसी पट्टी में भी पहले अगस्त 2012 में और फिर अप्रैल 2013 में ऐसा हो चुका है। लेकिन जब तक यह पट्टी बरकरार रहे, तब तक यह जोखिम बना रहता है कि फिर से निचली पट्टी को छूने का प्रयास हो।

इस समय न केवल निफ्टी, बल्कि सेंसेक्स भी अपने मासिक चार्ट में बनी ऐसी पट्टी के एकदम ऊपरी छोर पर है। अब क्या सेंसेक्स-निफ्टी ठीक इसी मुकाम से या थोड़ा ऊपर जाकर छकाने के बाद पलट सकते हैं? या फिर इस पट्टी को ऊपर की ओर तोड़ कर वे नयी ऊँचाइयाँ हासिल करेंगे? इन दोनों स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए।

अगर निफ्टी इस पट्टी से ऊपर निकले तो पहले 6,700 और फिर लगभग 7,000 के लक्ष्य बन सकते हैं। हाल में इसने 6,415 से 5,933 तक की जो गिरावट दर्ज की, उसमें 100% वापसी पूरी करने के बाद 161.8% वापसी का स्तर 6,713 पर है।

एक अन्य संरचना पर गौर करें। निफ्टी ने अगस्त 2013 की तलहटी 5119 से दिसंबर 2013 के शिखर 6415 तक की छलाँग के बाद 5933 तक की जो गिरावट दर्ज की, उसके प्रोजेक्शन में 50% का स्तर 6579 है, जिसके पास यह पहुँच चुका है। अगर यह 6,579 के ऊपर निकल कर टिक सका तो 61.8% के स्तर यानी 6,732 और फिर 80% के स्तर 6,967 यानी लगभग 7,000 को अगले लक्ष्यों के तौर पर देखना चाहिए। 

लेकिन अगर मासिक चार्ट पर दिख रही पट्टी की ऊपरी रेखा से पलट कर सेंसेक्स-निफ्टी नीचे लौटे तो क्या होगा? एक बार फिर इस पट्टी की निचली रेखा तक गिरने की संभावना सजीव हो जायेगी, यानी इस ऊपरी रेखा पर जहाँ भी ताजा शिखर बने वहाँ से निफ्टी में 1000-1100 अंकों की गिरावट। 

लेकिन अगर निफ्टी ने फरवरी की तलहटी 5933 तोड़ी, तभी ऐसी बड़ी गिरावट का रास्ता खुलेगा। अब इस संभावना को तभी बल मिलेगा, जब राजनीतिक अस्थिरता की आहट सुनाई पड़े। अगर आगामी सर्वेक्षणों में भी नमो मंत्र गूँजा और चुनाव के बाद वे प्रधानमंत्री बन सके तो अब बाजार के सामने ऐसा कोई बड़ा कारण नहीं होगा, जिसके चलते इतनी बड़ी गिरावट आये। तब तक किसी उठापटक में भी निफ्टी का 6,000 के नीचे जाना अब मुश्किल लगता है। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 10 मार्च 2014)

 

 

 

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