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जनवरी 2016

बड़े लक्ष्य हुए और दूर : शेयर मंथन सर्वेक्षण

हमने पिछली बार की तरह इस बार भी विश्लेषकों से पूछा कि उन्हें सेंसेक्स 35,000, 40,000 और 50,000 के अगले बड़े लक्ष्यों तक जाने की उम्मीद कब की लगती है।

कारोबारी नतीजों से हल्की आस : शेयर मंथन सर्वेक्षण

बाजार में उत्साह कम होने का एक अहम कारण यह भी है कि इस कारोबारी साल में पहली दो तिमाहियाँ कंपनियों की आय के लिहाज से कमजोर रही हैं और तीसरी तिमाही के लिए भी बहुत अच्छी उम्मीदें नहीं हैं।

फेडरल दर वृद्धि का अभी ज्यादा असर नहीं

Anita Gandhi

अनीता गांधी, निदेशक, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स
हमें उम्मीद है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी, क्योंकि बुनियादी ढाँचा और प्रौद्योगिकी में अगले कुछ वर्षों में काफी निवेश होने वाला है।

2016 की दूसरी छमाही बेहतर होगी

anil manghnani modern shares

अनिल मंगनानी, निदेशक, मॉडर्न शेयर्स
मँझोले और छोटे शेयर इस साल भी दिग्गज शेयरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते रहेंगे।

आय वृद्धि 2016-17 की दूसरी छमाही से

anand tandonआनंद टंडन, निदेशक, ग्रिफन एडवाइजर्स
आने वाले समय में सूचकांक नकारात्मक रुझान के साथ एक दायरे में रहेगा। जब थोक महँगाई फिर से बढऩी शुरू होगी, उसके बाद आर्थिक वृद्धि फिर से दिखनी शुरू हो सकती है।

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