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बजट 2013 : आयकर की सीमा में कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2013-14 का आम बजट को पेश कर दिया है। 
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि वैश्विक उतार-चढ़ाव का घरेलू अर्थव्यवस्था पर असर दिखा है। वैश्विक मंदी का सभी देशों पर असर पड़ा है। देश की विकास दर 8% के स्तर पर लाना चुनौती भरा है, हालाँकि मुझे देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती लौटने का भरोसा है। बढ़ता चालू खाता घाटा बड़ी चिंता का विषय है। देश में विदेश निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है।
वित्त मंत्री के बजट भाषण में की गयी घोषणाओं की सुर्खियाँ :
 
• ड्यूटी फ्री दुकानों से महिलायें 1 लाख रुपये का सोना खरीद सकती हैं।
• जहाज, वेसेल्स से एक्साइज शुल्क हटाया गया।
• राइस ब्रैन, खली पर निर्यात शुल्क हटाया गया।
• सेट टॉप बॉक्स पर आयात शुल्क 5% से बढ़कर 10%।
• लेदर बनाने वाली मशीन पर कस्टम शुल्क 7.5% से घटकर 5%। 
• कृषि कमोडिटी पर सीटीटी नहीं लगेगा।
• म्यूचुअल फंड ईटीएफ टैक्स 0.1% से घटा कर 0.001%।
• इक्विटी फ्यूचर कर 0.07% से घटाकर 0.01%।
• गैर-कृषि कमोडिटी पर 0.01% सीटीटी लगाने का प्रस्ताव।
• सिगरेट पर उत्पाद शुल्क 18% बढ़ा।
• एसयूवी पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर 30%, टैक्सी पर नहीं।
• 1 अप्रैल 2016 से जीएएआर लागू होगा।
• एक्साइज और सर्विस टैक्स में कोई बदलाव नहीं।
• बजट सत्र में ही डीटीएस बिल पेश किया जायेगा।
• वोकेशनल कोर्सेज और टेस्टिंग पर सर्विस टैक्स नहीं।
• 50 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी बेचने पर 1% टीडीएस, कृषि जमीन पर टीडीएस नहीं।
• एसटीटी 0.17% से घटा कर 0.1%।
• बिजली कंपनियों के लिए कर छूट 2014 तक जारी रहेगी।
• डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन सरचार्ज 5% से बढ़ाकर 10%।
• अतिरिक्त सरचार्ज सिर्फ 1 साल के लिए लागू होगा।
• 10 करोड़ रुपये से ज्यादा आय वाली कंपनियों पर 10% सरचार्ज।
• शिक्षा सेस 3 फीसदी ही रहेगा।
• सर्विस टैक्स, एक्साइज में बदलाव नहीं।
• 1 करोड़ रुपये से ज्यादा आय वालों पर 10% का सरचार्ज।
• 5 लाख रुपये की आय वाले लोगों को 2000 रुपये का टैक्स क्रेडिट।
• टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं।
• प्रत्यक्ष कर दरों में कोई बदलाव नहीं।
• स्किल डेवेलपमेंट फंड के लिए 1000 करोड़ रुपये।
• बैंक इंश्योरेंस ब्रोकर की भी सेवायें दे सकेंगे।
• महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड में सरकार 1000 करोड़ रुपये डालेगी।
• पोस्ट ऑफिस बैंक बनेंगे, 532 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा।
• 294 शहरों में प्राइवेट एफएम स्टेशन खुलेंगे।
• वित्त वर्ष 2014 में 839 और एफएम रेडियो लाइसेंस की नीलामी होगी।
• स्पोर्ट्स कोचिंग के लिए नेशनल स्कूल खोला जायेगा।
• ईटीएफ भी पेंशन और इंश्योरेंस में निवेश कर सकेंगे।
• पवन ऊर्जा कंपनियों को उत्पादन के आधार पर रियायतें दी जायेगी।
• बीमा और इंश्योरेंस कंपनियां डेट सेगमेंट में ट्रेड कर सकेंगी।
• रक्षा मंत्रालय को 2.36 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
• रिक्शाचालक, टैक्सीचालक और खान मजदूरों को स्वास्थ्य बीमा योजना।
• वित्त वर्ष 2014 में राजस्व घाटे का लक्ष्य 3.3%।
• टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन कमीशन बनाने का प्रस्ताव।
• वित्त वर्ष 2014 में वित्तीय घाटा 4.8%।  
• विदेशी निवेश के लिए नियम बनाये जायेंगे।
• एसएमई बिना आईपीओ के लिस्ट हो सकते हैं।
• म्यूचुअल फंड डिस्टिब्यूटर्स स्टॉक एक्सचेंज की सदस्यता ले सकते हैं।
• कंपनी में 10% से कम निवेश को एफआईआई, 10% से ज्यादा को एफडीआई का दर्जा।
• रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए सस्ता कर्ज मुहैया कराया जायेगा।
• बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए 1500 करोड़ रुपये।
• 10000 की जनसंख्या वाले शहरों में एलआईसी, जीआईसी दफ्तर जरूरी होंगे।
• स्टॉक एक्सचेंज डेट सेगमेंट को अलग रखेंगे।
• करेंसी डेरेविटिव सेगमेंट में एफआईआई निवेश कर सकेंगे।
• पेंशन बिल और इंश्योरेंस बिल पास होने की उम्मीद।
• बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए बैंकों का केवाईसी काफी।
• बीमा कंपनियाँ टीयर 2 शहरों में आईआरडीए की मंजूरी के बिना ब्रैंच खोल सकेंगी।
• महिलाओं के बैंकों के लिए 1000 करोड़ रुपये का शुरुआती कैपिटल।
• नेशनल हाउसिंग बैंक अर्बन हाउसिंग फंड बनायेगा।
• अर्बन हाउसिंग के लिए भी फंड शुरू करने का प्रस्ताव।
• रूरल हाउसिंग फंड में 6000 करोड़ रुपये डाले जायेंगे।
• वित्त वर्ष 2014 में सरकारी बैंकों में 14000 करोड़ रुपये डाले जायेंगे।
• सिर्फ महिलाओं के लिए बैंक खोले जायेंगे।
• सरकारी बैंकों में 12517 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूँजी डाली जायेगी।
• तेल और गैस नीति को रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर लाया जायेगा।
• प्राकृतिक गैस नीति की समीक्षा की जायेगी।
• आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 2 नये बंदरगाह बनाये जायेंगे।
• 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज में 1 लाख रुपये की छूट।
• कोल इंडिया के साथ पीपीपी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा।
• टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए टेक्सटाइल सेक्टर को 2400 करोड़ रुपये।
• सेमी-कंडक्टर के लिए प्लांट, मशीनरी पर कस्टम ड्यूटी नहीं। 
• 1 जून को महँगाई से जुड़े बॉन्ड जारी होंगे।
• छोटी-मझौली कंपनियों को मदद करने के लिए सिडबी को ज्यादा रकम। 
• सिडबी को 5000 करोड़ रुपये के बजाय 10000 करोड़ रुपये।
• आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने की जरूरत। 
• शेल गैस के लिए रेवेन्यू शेयरिंग पर आधारित पॉलिसी बनायी जायेगी। 
• वित्त वर्ष 2014 की पहली छमाही में 3000 किमी सड़क परियोजना आवंटित किये जायेंगे।
• राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम का दायरा 3 साल बढ़ा।
• पहली बार घर खरीदने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी। 
• रांची में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्री-बायोटेक्नोलॉजी स्थापित किया जायेगा।
• कृषि उत्पादों के स्टोरेज के लिए नाबार्ड को 5000 करोड़ रुपये।
• सड़क क्षेत्र के लिए नियामक बनाया जायेगा। 
• इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश की सबसे ज्यादा जरूरी।
• खाद्य सुरक्षा अधिनियम यूपीए सरकार का वादा है।
• सिंचाई के लिए 5387 करोड़ रुपये का आवंटन।
• खाद्य सुरक्षा के लिए 2250 करोड़ रुपये।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय को 80194 करोड़ रुपये, पिछले साल से 46% ज्यादा।
• शिक्षा क्षेत्र को 65877 करोड़ रुपये, पिछले साल से 17% ज्यादा है।
• पूर्वी राज्यों को हरित क्रांति के लिए 1000 करोड़ रुपये।
• छोटे किसानों को ब्याज पर छूट मिलनी जारी रहेगी।
• कृषि मंत्रायल को 27049 करोड़ रुपये, पिछले साल से 22% ज्यादा।
• जेएनएनयूआरएम के तहत 10000 बसें खरीदी जायेंगी।
• वित्त वर्ष 2014 में मनरेगा के लिए 33000 करोड़ रुपये।
• जेएनएनयूआरएम के लिए 14873 करोड़ रुपये।
• पीने का साफ पानी, सैनिटेशन के लिए 15260 करोड़ रुपये।
• वित्त वर्ष 2014 में हेल्थ, फैमिलीकेयर के लिए 37333 करोड़ रुपये।
• मेडिकल शिक्षा, रिसर्च के लिए 4700 करोड़ रुपये।
• वित्त वर्ष 2014 में मिड-डे मील के लिए 13215 करोड़ रुपये।
• सर्व शिक्षा अभियान पर 27258 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
• छह एआईआईएमएस बनाने के लिए 16500 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव।
• वित्त वर्ष 2013 का योजनागत खर्च 5.9 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 3.9 लाख रुपये।
• युवाओं और बच्चों के लिए योजनागत खर्च बढ़ाया।
• बच्चों की योजनाओं के लिए 77236 करोड़ रुपये आवंटित।
• मानव संसाधन मंत्रालय को 65867 करोड़ रुपये का आवंटन।
• वित्त वर्ष 2013 में आरबीआई को 5.5% जीडीपी दर रहने का अनुमान था।
• जीडीपी में आयात-निर्यात का हिस्सा 43%।
• वित्त वर्ष 2013 में जीडीपी दर 5% रहने का अनुमान।
• वित्त वर्ष 2014 का योजनागत खर्च 5.53 लाख करोड़ रुपये।
• तिलहन, दालों की मांग-आपूर्ति में अंतर महँगाई की बड़ी वजह।
• खाद्य महँगाई दर सबसे बड़ी चिंता।
• वित्त वर्ष 2014 में कुल खर्च 16.65 लाख करोड़ रुपये।
• वित्तीय घाटे को कम करने के लिए खर्चे कम करने की जरूरत।
• वित्त वर्ष 2013 का योजनागत खर्च ज्यादा था।
• महँगाई दर घटकर 7% और कोर महँगाई घटकर 4.2%।
• चालू खाते घाटे की भरपाई के लिए 75 अरब डॉलर की जरूरत।
(शेयर मंथन, 28 फरवरी 2013)

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