शेयर मंथन में खोजें

आईआईपी (IIP), महँगाई (Inflation) दर पर उद्योग जगत निराश

अप्रैल 2013 के औद्योगिक उत्पादन (IIP) के आँकड़ों पर उद्योग संगठनों और बाजार विश्लेषकों ने निराशा जतायी है। 

उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) की अध्यक्षा नैना लाल किदवई (Naina Lal Kidwai) का कहना है कि उत्पादन और बुनियादी ढाँचे में निवेश का रूझान कमजोर बना हुआ है। सरकारी मंजूरियों में देरी की वजह से रुकी हुई विकास परियोजनाओं को तेजी से लागू करना होगा। निर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग) क्षेत्र की वृद्धि दर निचले स्तर पर पहुँच गयी है। धातु, वाहन, मशीनरी व उपकरण जैसे कुछ बड़े क्षेत्रों में नकारात्मक विकास की वजह से इस क्षेत्र में कमजोरी बनी हुई है।

बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर भी चिंता का विषय है, क्योंकि आगे चलकर इससे निर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। साथ ही निर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। हमें खनन क्षेत्र की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इस क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए नीतियों पर विचार करने का यह सही समय है। किदवई ने इस बात पर भी चिंता जतायी कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र में साल 2009 के बाद अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
एजेंल ब्रोकिंग (Angel Broking) के मुताबिक कुल मिलाकर आईआईपी और सीपीआई महँगाई दर के आँकड़े निराशाजनक रहे हैं। अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन 2% की दर से बढ़ा है। जिसकी मुख्य वजह कैपिटल गुड्स क्षेत्र में कमजोर उत्पादन और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र में गिरावट है। हालाँकि सीपीआई यानी उपभोक्ता महँगाई दर कुछ घटी है, लेकिन खाद्य महँगाई की वजह से यह अब भी ऊँचे स्तर पर बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में हाल ही में हुए सुधार के बावजूद खुदरा महँगाई दर बढ़ी है। रुपये में गिरावट बढ़ने और मई महीने में व्यापार घाटे के बढ़ने की संभावनाओं ने भारतीय रिजर्व बैंक की 17 जून को होने वाली नीतिगत बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया है। (शेयर मंथन, 12 जून 2013)

 

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"