भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने आज सुबह अचानक सबको चौंकाते हुए अपनी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया।
आरबीआई ने रेपो दर को 0.25% घटा कर 7.75% कर दिया है। साथ ही रिवर्स रेपो दर अब 6.75% कर दी गयी है। साथ ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक दर को 8.75% कर दिया गया है। यह कमी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी है। हालाँकि नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को 4.0% के स्तर पर बरकरार रखा गया है।
ब्याज दरों में कटौती की इस घोषणा के लिए गवर्नर डॉ. रघुराम राजन की ओर एक बयान जारी किया गया। इस बयान में राजन ने कहा कि जुलाई 2014 से महँगाई दर (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक या सीपीआई) में नरमी आती रही है। उन्होंने महँगाई दर को "कुछ हद तक अनुमानों से भी कम" बताया है। साथ ही कच्चे तेल के बारे में उन्होंने कहा है कि भूराजनयिक झटकों को छोड़ दें, तो वर्ष के दौरान इसकी कीमतें निचले स्तरों पर ही रहने का अनुमान है। इसके अलावा, राजन ने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया है।
गवर्नर ने अपने बयान में कहा है कि इन बातों ने मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव के लिए गुंजाइश पैदा की है। उन्होंने याद दिलाया है कि दिसंबर की द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत घोषणा में भी यह कहा गया था कि "अगर महँगाई दर का मौजूदा रुझान बना रहे और राजकोषीय स्तर पर उत्साहजनक स्थिति रहे तो अगले वर्ष के आरंभ में मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव किया जा सकता है।"
दिसंबर में राजन ने संकेत दिया था कि स्थितियाँ अनुकूल रहने पर नीतिगत समीक्षा के लिए नियत समय से पहले भी इस बारे में फैसला किया जा सकता है। उसके अनुरूप ही राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए 3 फरवरी को तय बैठक का इंतजार नहीं किया और पहले ही दरों में कटौती की घोषणा कर दी है। (शेयर मंथन, 15 जनवरी 2015)