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भारत में यूएई करेगा 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा दोनों ही देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई है। दोनों देशों ने आपसी संबंधों को बढ़ाने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इनमें आर्थिक और व्यापारिक समझौते सबसे अहम हैं। देश के स्तर पर होने वाले समझौते के अलावा मोदी ने यूएई में निवेशकों को भी भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने निवेशकों से कहा कि भारत में कृषि और ढाँचागत सुविधाओं में तुरंत एक लाख करोड़ डॉलर के निवेश की संभावनाएँ हैं। यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को उन्होंने दुबई में एक स्टेडियम में 50 हजार भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि यूएई ने भारत में करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने पर रजामंदी जतायी है।
भारत और यूएई द्वारा जारी साझा बयान में व्यापार और निवेश का काफी जिक्र है। दोनों देशों ने अगले पांच साल में पारस्परिक व्यापार को 60% तक बढ़ाने पर सहमति जतायी है। दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने पर भी समझौता हुआ है। 75 अरब डालर से यूएई-भारत आधारभूत निवेश फंड बनाया जायेगा। इस फंड का इस्तेमाल भारत में रेलवे, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डा, औद्योगिक गलियारों में निवेश के लिए किया जायेगा।
ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी को बढ़ाने पर भी दोनों देशों में सहमति बनी। भारत में तेल के संरक्षित क्षेत्रों के विकास में यूएई भूमिका निभायेगा।
यूएई के पास 800 अरब डॉलर का सॉवरेन वेल्थ फंड है। मोदी चाहते हैं कि यूएई इस फंड का कुछ हिस्सा भारत में भी निवेश करे। अब तक यूएई ने भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसमें से 3 अरब डॉलर का निवेश सीधे किया गया है, जबकि बाकी का निवेश शेयर बाजार के जरिये किया गया है। ऐसे में यूएई की तरफ से भारत में निवेश बढ़ाये जाने की काफी ज्यादा संभावना है। (शेयर मंथन, 18 अगस्त 2015)

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