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1 फरवरी को लेखानुदान नहीं, पूरे बजट (Full Budget) की तैयारी?

क्या मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्ण बजट (Full Budget) के बदले लेखानुदान (Vote On Account) लाने की परंपरा तोड़ने वाली है?

भाजपा के सूत्रों ने शेयर मंथन से बातचीत में संकेत दिये हैं कि अभी इस बारे में विचार चल रहा है और जल्दी ही फैसला कर लिया जायेगा। अंग्रेजी के मिंट अखबार ने भी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से दी गयी खबर में इस संभावना को सामने रखा है। लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) मई 2019 में होने वाले हैं और यह परंपरा रही है कि जब लोकसभा चुनाव काफी करीब होते हैं तो उस साल नियत समय यानी फरवरी में पूर्ण बजट के बदले केवल लेखानुदान पारित कराया जाता है, जिसमें सरकार पूर्ण बजट आने तक के लिए भारत की संचित निधि से होने वाले खर्चों के लिए संसद (Parliament) की मंजूरी लेती है। फिर चुनाव के बाद नयी सरकार के गठन होने पर पूर्ण बजट पेश होता है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Minisry) की ओर से जैसी तैयारियाँ चल रही हैं, उनसे भी ऐसा जान पड़ता है कि मोदी सरकार फरवरी में पूर्ण बजट लाने के लिहाज से ही काम कर रही है। मसलन, तमाम विभागों को पत्र लिख कर 2019-20 के लिए अपने बजट आकलन भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही मंत्रालयों और विभागों को 30 नवंबर तक वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) के बजट भाषण के लिए सुझाव भेजने के लिए कह दिया गया है। आगामी 3 दिसंबर से वित्त मंत्रालय में बाहरी लोगों और पत्रकारों की आवाजाही नियंत्रित कर दी जाने वाली है।
आम बजट से पहले वित्त मंत्री उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और कई तरह के संगठनों के साथ अलग-अलग बैठकें किया करते हैं। अगर आने वाले दिनों में इन बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाये, तो यह एक तरह से पुख्ता संकेत होगा कि 1 फरवरी को लेखानुदान नहीं, पूर्ण बजट ही पेश किया जाने वाला है। (शेयर मंथन, 22 नवंबर 2018)

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