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दिल्ली-एनसीआर में मध्यम से खराब श्रेणी में बना रहेगा प्रदूषण का स्तर - स्काईमेट (Skymet)

स्काईमेट (Skymet) के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार कोंकण-गोवा और मध्य महाराष्ट्र के हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

कर्नाटक के तटीय और उत्तरी आंतरिक हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप समूह, मराठवाड़ा, विदर्भ, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर के हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। इन सब के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड के भी अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश के आसार हैं।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से सहित उत्तराखंड, पंजाब, उत्तरी राजस्थान, बिहार और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिस्सों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश देखी जा सकती है। पूर्वी हवाएँ चलने के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अगले 24 घंटों के दौरान भी मध्यम से खराब श्रेणी में ही बने रहने की उम्मीद है।

 

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल
पिछले 24 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश के हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिली। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप सहित दक्षिणी-आंतरिक कर्नाटक के हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गयी। जबकि ओडिशा, छत्तीसगढ़, दक्षिणी कोंकण-गोवा और दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हुई। गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश हुई है। इस दौरान असम में भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश देखी गयी। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर में थोड़ा सा सुधार देखने को मिला है और अधिकांश इलाकों में प्रदूषण मध्यम से खराब श्रेणी में बना रहा।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम
लक्षद्वीप समूह तथा दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के भागों पर एक निम्न दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा इसी जगह पर समुद्र तल से 8 किमी की ऊँचाई पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित है। इस चक्रवाती क्षेत्र से एक ट्रफ रेखा केरल, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तेलंगाना होते हुए विदर्भ तक जा रही है। राजस्थान के पश्चिमी भागों तथा उससे सटे पंजाब के भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। (शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2019)

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