बाजार नियामक सेबी ने छोटे पीएमएस यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। इसके तहत अब हर एएमसी 7 छेटे पीएमएस को बाजार में उतार सकेंगी जिसमें से 3 इक्विटी, 2 डेट और 2 हाइब्रिड फंड वाले हो सकते हैं। इनमें न्यूनतम निवेश की रकम 10 लाख रुपये होगी।
सेबी ने पीएमएस यानी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस और म्यूचुअल फंड्स के बीच एक नये संपत्ति वर्ग को अधिसूचित किया था। इसे ही एसआईएफ कहा गया। सेबी एसआईएफ को लाकर पीएमएस और म्यूचुअल फंड्स के बीच की खाई को पाटना चाहती है। इसलिए इस नई श्रेणी की रूपरेखा को जारी किया है। ये 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जायेगी।
सेबी को भागीदारी बढ़ने की उम्मीद
सेबी को लगता है कि इन छोटे स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड में निवेश की सीमा 10 लाख रुपये होने से बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी। अब वो भी आसानी से पैसा लगा सकेंगे।
जानकार मान रहे हैं अच्छा कदम
बाजार के जानकारों की मानें तो सेबी ने ये कदम उठा कर अच्छा काम किया है। इस फैसले से एएमसी के शेयरों में निवेश भी बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही अब फंड मैनेजर्स एफ एंड ओ में दोनों तरह के लॉन्ग और शॉर्ट पोजिशन ले पायेंगे। इसके साथ ही वो अब 25% पोजिशन को बिना हेज किये भी रख पायेंगे। सभी छोटी पीएमएस योजना सूचीबद्ध होगी जिससे निवेशक को एग्जिट का विकल्प भी मिलेगा।
एसआईएफ की मुख्य विशेषतायें :
न्यूनतम निवेश : निवेशकों को कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
निवेश और एग्जिट : निवेशक एसआईपी, एसडब्ल्यूपी और एसटीपी के जरिये निवेश और एग्जिट कर सकते हैं, लेकिन कुल निवेश 10 लाख रुपये से अधिक रहना चाहिए।
निवेश सीमायें : एसआईएफ के तहत एक कंपनी के डेट इन्स्ट्रूमेंट्स में 20% (एएए-रेटिंग), 16% (एए-रेटिंग) या 12% (ए-रेटिंग और नीचे) से अधिक निवेश नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा, किसी एक क्षेत्र में एनएवी का 25% से अधिक निवेश नहीं किया जा सकता है।
(शेयर मंथन, 03 मार्च 2025)
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