शेयर मंथन में खोजें

अंतरिम बजट : जो नहीं मिला उसी को मुकद्दर समझ लिया

राजीव रंजन झा

कल सुबह मैंने लिखा था कि सरकार इस अंतरिम बजट में ऐसा कुछ नहीं दे सकेगी जो बाजार के उत्साह को एकदम से बढ़ा दे। और इसीलिए मेरी सलाह थी कि ज्यादा उम्मीदें ना ही लगायें तो अच्छा है। लेकिन बाजार ने उम्मीदें लगायी थीं, काफी दिनों से लगा रखी थी और जब ये उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं, तो बाजार ने जबरदस्त निराशा भी दिखा दी। उद्योग जगत ने अपने सुर को थोड़ा बदला, कहने लगा कि हमने तो ज्यादा उम्मीदें रखी ही नहीं थीं, क्योंकि पता था कि यह केवल लेखानुदान (वोट ऑन एकाउंट) है। लेकिन हकीकत यही है कि उद्योग जगत ने अपनी मांगों की फेहरिश्त भी रखी और उम्मीदें भी लगायीं। आपको अपनी याददाश्त का भरोसा ही काफी होगा, अखबारों के पन्ने पलटने की जरूरत नहीं है इसके लिए!

कल एक पूर्व वित्त सचिव से बात हो रही थी। उन्होंने इन सारी उम्मीदों का ठीकरा सीधे मीडिया के सिर फोड़ दिया। वाह भई! यह ठीक है कि टीवी चैनलों ने उद्योग जगत के दिग्गजों को बुला कर पूछा कि आप क्या उम्मीदें कर रहे हैं। लेकिन उम्मीदें तो उद्योग जगत की थीं। यह ठीक है कि अखबारों ने सूत्रों के हवाले से तमाम खबरें छापीं कि किस उद्योग को कैसी रियायतें मिलेंगीं। लेकिन ये सूत्र कहाँ बैठे थे – मंत्रालयों में! अंतरिम बजट में घोषणाएँ करने के बारे में सरकार पर कोई बंधन नहीं होने की बात किसने कही थी – सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने!
लेकिन इन सबके बावजूद मेरी उम्मीदें हल्की थीं। इसलिए कि मेरे विचार से सरकार ने जो कुछ देने का मन बनाया था, वह काफी पहले ही दे दिया था – पिछले बजट में। फिर वेतन आयोग की सिफारिशें भी आयीं। सरकार के पास फिलहाल ज्यादा कुछ देने के लिए था ही नहीं। इसलिए मैं निराश नहीं रहा।
अब उद्योग जगत इसी बात से खुश होने की कोशिश कर रहा है कि चलो पूरे बजट के बारे में कुछ सकारात्मक संकेत तो दे दिये गये हैं। कह दिया गया है कि विकास दर को तेज बनाये रखने के लिए पूरे बजट में करों की दरें घटानी पड़ेंगीं। कह दिया गया है कि पूरे बजट में एक और उत्प्रेरक (स्टिमुलस) योजना लाने की जरूरत होगी। भविष्य के वादों से उद्योग जगत अपना दिल बहला रहा है, जबकि यह पक्का नहीं है कि वादा करने वाले फिर लौट कर आयेंगे या नहीं। लौट कर आयेंगे भी तो उन्हें अपना वादा याद रहेगा, इस बात का तो भरोसा होना चाहिए।

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"