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रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरों में तेजी

शेयर बाजारों में आज के कारोबार में रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरों में तेजी का रुख है। बीएसई में सुबह 11.30 बजे कंपनी का शेयर भाव 3.91% की उछाल के साथ 257.95 रुपये पर था, जबकि सेंसेक्स में करीब 2% की बढ़त थी। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपनी बहुप्रतीक्षित जीएसएम सेवा की शुरुआत रविवार को मुंबई में कर दी।

भारतीय शेयर बाजारों में मजबूती कायम

12.55: सोमवार के कारोबार में भारतीय शेयर बाजारों में मजबूती बनी हुई है। इस समय सेंसेक्स में 149 अंकों की बढ़त है और यह 10,107 पर है। एनएसई निफ्टी 27 अंकों की मजबूती के साथ 3,074 पर है। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.5% से अधिक की बढ़त है। बीएसई एफएमसीजी, रियल्टी और हेल्थकेयर सूचकांक को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रीय सूचकांक हरे निशान में हैं। बीएसई धातु और बैंकिंग सूचकांक में 2.5% से अधिक मजबूती है। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 6.58%, जयप्रकाश एसोसिएट्स में 5.84% और टाटा पावर में 5.78% की बढ़त है। रिलायंस कम्युनिकेशंस और आईसीआईसीआई बैंक में 3.5% से अधिक मजबूती है। सत्यम कंप्यूटर्स में 7.86% और भारती एयरटेल में 3.16% की गिरावट है।

डॉव चढ़ा, एशियाई बाजारों में बढ़त

कैलेंडर साल 2009 के पहले कारोबारी दिन शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में मजबूती रही और डॉव जोंस 258 अंकों की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा। आज सुबह एशियाई बाजारों में हरियाली दिख रही है।

आर्थिक पैकेज से चुनिंदा क्षेत्रों के शेयरों पर सकारात्मक असर: इडेलवाइज

इडेलवाइज सिक्योरिटीज का मानना है कि सरकार ने कल शुक्रवार को जिन आर्थिक उपायों की घोषणा की है, उनमें से ज्यादातर कदमों की उम्मीदें बाजार को पहले से ही थीं। इसलिए इन कदमों का असर मौजूदा बाजार भावों में पहले से ही शामिल है और इन कदमों की घोषणा के बाद पूरे बाजार में संभवतः कोई खास तेजी नहीं आयेगी। लेकिन इडेलवाइज के विश्लेषक सिद्धार्थ सान्याल की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएफएसआई, कंस्ट्रक्शन और निर्यात-केंद्रित उद्योगों के शेयर भावों पर इनका एक सकारात्मक असर दिखना चाहिए।

सरकार ने दूसरी राहत योजना की घोषणा की

भारत सरकार ने धीमी होती अर्थव्यवस्था में नयी जान फूँकने के लिए अपनी राहत योजना की दूसरी किश्त का ऐलान कर दिया है, जिसमें खास तौर पर संकटग्रस्त क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। खास तौर पर निर्यातकों और लघु उद्योगों को रियायतें दी गयी हैं। इसके अलावा सीमेंट और इस्पात जैसे उद्योगों को सस्ते आयात से सुरक्षा देने के लिए कदम उठाये गये हैं। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने भी रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती की है। जहाँ राहत योजना की पहली किश्त में केंद्र सरकार अपने योजना-खर्च को बढ़ाने पर ध्यान दिया था, वहीं इस दूसरी किश्त में राज्य सरकारों के खर्च को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

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