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तानला सॉल्यूशंस के शेयर चढ़े

तानला सॉल्यूशंस ने महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के  साथ मिल कर 11 दिसंबर 2008 से 3जी वीएएस प्लेटफार्म के आरंभ की घोषणा की है। इसके साथ ही तानला सॉल्यूशंस देश में 3जी नेटवर्क पर लाइव सेवा देने वाली पहली कंपनी बन गयी है। इस खबर का शेयर बाजार में कंपनी के शेयर भाव पर सकारात्मक असर दिख रहा है।

शेयर बाजारों की गिरावट में कमी

12.55: भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट में थोड़ी कमी आयी है। एक समय 360 से अधिक अंक गिर चुके सेंसेक्स की गिरावट घट कर 131 अंकों की रह गयी है। इस समय सेंसेक्स 9,514 पर है। बीएसई में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और तेल-गैस सूचकांक को छोड़ कर बाकी सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में चल रहे हैं, हालांकि बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में हल्की मजबूती है। बीएसई में आईटी और टीईसीके सूचकांकों में 2.8% से अधिक गिरावट है। निफ्टी में 47 अंकों की कमजोरी है और यह 2,873 पर है। विप्रो में 5.1% की कमजोरी है। टीसीएस, टाटा मोटर्स और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 4% से अधिक गिरावट है। टाटा स्टील, इन्फोसिस और ओएनजीसी में 3% से अधिक कमजोरी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा पावर में 2% से अधिक बढ़त है।  

कैसे होंगे अगले कुछ महीने

राजीव रंजन झा

बाजार में उम्मीदें और आशंकाएँ तो हमेशा ही रहती हैं। यह समय भी कोई अपवाद नहीं है। सेंसेक्स को अगले कुछ महीनों में 5000-6000 पर देखने वाले भी मौजूद हैं, तो कई विश्लेषकों या ब्रोकिंग फर्मों ने मार्च 2009 तक 12,000-14,000 तक के लक्ष्य भी दे रखे हैं। बाजार वास्तव में कौन-सी दिशा पकड़ेगा या हाल के कुछ हफ्तों की तरह एक दायरे में झूलता रहेगा, यह समझने के लिए आने वाले महीनों में बाजार के सामने मौजूद मुख्य मुद्दों को समझना जरूरी है। हालांकि अब चुनावी चर्चाएँ गरमाने लगेंगीं, लेकिन उन चर्चाओं से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होंगीं विकास दर की संभावनाएँ।

गिरावट के बाद संभलने की उम्मीद

डी डी शर्मा, सीनियर वीपी (रिसर्च), आनंद राठी सिक्यो.

आज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुल सकता है, लेकिन बाद में इसके वापस संभलने की उम्मीद है। अगर किसी कारण की वजह से यह वापसी आज नहीं हो सकी, तो अगले दिन संभलने की संभावना रहेगी।

अमेरिकी बाजार गिरे, एशिया में छायी लाली

तीन दिग्गज ऑटो कंपनियों को दी जाने वाली 14 अरब डॉलर की राहत योजना से संबंधित विधेयक को हालांकि प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में मंजूरी मिल गयी, लेकिन इसके सीनेट में पारित न होने की आशंका से निवेशकों में चिंता घर कर गयी।

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