मैन्युफैक्चरिंग ठंडी
राजीव रंजन झा
इस रविवार को सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बड़े सोच-विचार के बाद जो आर्थिक पैकेज सामने रखा, उसका स्वागत लोग आधे-अधूरे मन से ही कर पाये। अब अगर पैकेज आधा-अधूरा था, तो इससे बेहतर स्वागत कैसे होता! और अब उद्योग संगठन फिक्की की एक ताजा रिपोर्ट बता रही है कि क्यों अर्थव्यवस्था को ज्यादा दवा की दरकार है। फिक्की के एक सर्वे के मुताबिक कई क्षेत्रों की उत्पादक (मैन्युफैक्चरर) कंपनियों ने नवंबर 2008 से मार्च 2009 के दौरान अपने उत्पादन में 10-50% तक की कटौती की योजना बना ली है। यह इस बात का सीधा संकेत है कि अगर ऐसी ही आर्थिक अनिश्चितता बनी रही तो आने वाले महीनों में उत्पादक (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में धीमापन रहने वाला है।