जगदीश वी. ठक्कर
निदेशक, फॉर्च्यून फिस्कल
भारतीय बाजार की चाल 2025 तक ज्यादा तेज बनी रहेगी और उसके बाद यह विश्व का नेतृत्व करेगा। रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह, अनुकूल मानसून, कंपनियों के नतीजे और एफआईआई का निवेश प्रवाह भारतीय बाजार के लिए प्रमुख सकारात्मक बातें हैं। लेकिन यदि रूस-यूक्रेन युद्ध खराब मोड़ लेने लगे, भारत-चीन या भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़े या राजनीतिक असंतुलन पैदा हो तो यह बाजार के लिए नकारात्मक होगा।