हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,900-9,000 रुपये के बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,890-7,190 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300-6,250 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,570-6,700 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,250-6,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 7,650 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,250-7,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
Page 27 of 35
आम लोग खुश हैं कि जीएसटी कम होने से चीजें सस्ती होंगी। महँगाई दर घटने वाला सस्तापन नहीं, असल में आपको पहले से कम पैसे खर्च करके सामान मिलेंगे। और सस्ता होने वाले सामानों की सूची बहुत लंबी है, अमीर-गरीब सबको फायदा मिलने जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।