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इस साल जोर पकड़ने लगी किफायती घरों की बिक्री, लक्जरी आवास की माँग हो गयी कमजोर

नये साल में भारत के अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) बाजार में नया रुझान दिख रहा है। कोविड महामारी के बाद पहली बार देश में ऐसा हुआ है, जब किफायती घरों की माँग तेज हो रही है और आलीशान मकानों की माँग नरम हो रही है। संपत्ति सलाहकार एनारॉक की एक ताजा रिपोर्ट में इस बदले रुझान के बारे में पता चला है।

फ्लैट मेंटेनेंस फीस पर 18% जीएसटी, क्या अब महँगे होंगे घर के खर्च?

किरोये के फ्लैट में रहने वाले लोगों को पहले ही मोटी रकम चुकानी पड़ती है। अब हाउसिंग सोसाइटी के मेंटेनेंस के लिए हर महीने 7500 रुपये से अधिक का भुगतान करने वालों की जेब और भी ढीली होने वाली है। इस मेंटेनेंस पर सरकार 18% जीएसटी लगाने जा रही है।

इन सरकारी योजनाओं में मिलता है टैक्स फ्री रिटर्न, क्या आपने भी किया है निवेश?

आजकल निवेश करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, जहाँ से अच्छा रिटर्न मिल सकता है। हालाँकि, शेयर बाजार से जुड़े निवेश में खतरा भी होता है क्योंकि, बाजार में उतार-चढ़ाव का ऐसे निवेश पर असर पड़ता है। ऐसे में सरकारी योजनायें ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं और इनमें खतरा भी कम होता है। इन योजनाओं में अच्छा-खासा रिटर्न भी मिलता है।

मुद्रा योजना के 10 साल, कमजोर वर्गों में वित्तीय समावेश बढ़ाने में हुआ मददगार

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के 10 साल पूरे हो गये हैं। इस मौके पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट का कहना है कि इस योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों में वित्तीय समावेश को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

पर्सनल लोन लिया है, तो प्री-क्लोजर करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं और ईएमआई के तौर पर धीरे-धीरे लोन की रकम चुकाते हैं। आमतौर पर पर्सनल लोन मिलना आसान माना जाता है। इस महँगाई के जमाने में लोगों को लोन की जरूरत पड़ ही जाती है। लेकिन लोन लेने वाले चाहते हैं कि जल्दी उनका लोन चुकता हो जाये। अगर आप समय से पहले लोन चुकाने जाते हैं, तो आपको प्री-क्लोजर का सामना करना पड़ता है, जिसके फायदे और नुकसान दोनों हैं।

वैश्विक उथल-पुथल के बीच आशा की किरण बन रहा भारत : आशीषकुमार चौहान

भारत का पूँजी बाजार अपने शीर्ष से 1.5 खरब डॉलर नीचे आ चुका है है, मगर लंबी अवधि में विकास का पथ (ट्राजेक्टरी) मजबूत बना हुआ है। 2014 में भारत का बाजार पूँजीकरण 1 खरब डॉलर से कम था, मगर आज ये लगभग 5 खरब डॉलर तक पहुँच गया है। यह विचार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एमडी एवं सीईओ आशीष चौहान ने इंडिया ग्लोबल फोरम, मुंबई एनएक्सटी25 में साझा किए।

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